×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर अन्नाद्रमुक में एक राय नहीं

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम के बारे में खबर मिल रही है कि वो लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में बीजेपी के साथ जाने या ना जाने के बारे में निर्णय नहीं कर पा रही है। पूर्व सीएम जयललिता के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाली अन्नाद्रमुक इस समय फूट का सामना कर रही है।

Rishi
Published on: 30 Dec 2018 4:14 PM IST
बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर अन्नाद्रमुक में एक राय नहीं
X

नई दिल्ली : तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम के बारे में खबर मिल रही है कि वो लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में बीजेपी के साथ जाने या ना जाने के बारे में निर्णय नहीं कर पा रही है। पूर्व सीएम जयललिता के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाली अन्नाद्रमुक इस समय फूट का सामना कर रही है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना में केसीआर और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक उसके लिए दक्षिण का दरवाजा खोलने वाले सहयोगी साबित होंगे इसलिए इन्हें साथ लाने के प्रयास आवश्यक हैं।

ये भी देखें : एक थी जयललिता: अपोलो हॉस्पिटल और स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने साजिश रची

भाजपा, द्रमुक को भी साथ लाने की फिराक में है ये कोशिश उस समय नजर आई जब पीएम नरेंद्र मोदी ने दिवंगत नेता एम. करुणानिधि के घर का दौरा किया था और उनके बीमार होने पर दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर उन्हें आराम करने की पेशकश की।

आपको बता दें, पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सहयोगी रहे एमडीएमके और डीएमडीके जैसे कुछ दल उससे किनारा कर चुके हैं, जो अब अन्नाद्रमुक के साथ जाने में दिलचस्पी रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्य में बीजेपी 20 सीटें अपने लिए चाहती है।

2014 के चुनाव में जयललिता की पार्टी ने 37 सीटें जीती थीं। कन्याकुमारी में बीजेपी ने एक सीट जीती और उसके सहयोगी पीएमके ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।

ये भी देखें : मशहूर फिल्मकार मृणाल सेन का 95 की उम्र में निधन, राष्ट्रपति ने जताया शोक

सूत्रों के मुताबिक हाल में ही विधानसभा चुनाव में जिस तरह बीजेपी हारी है उससे पार्टी के कुछ नेताओं को लगता है कि बीजेपी के साथ के साथ गठबंधन करने में कोई लाभ नहीं, जबकि कुछ का मानना है की बीजेपी के साथ जाने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।

सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन कर चुकी पार्टी को लगता है कि जयललिता ने मुसलमानों का जो समर्थन हासिल किया था, वो बीजेपी के साथ जाने पर समाप्त हो सकता है। इसके साथ ही वो द्रमुक, कांग्रेस,एमडीएमके, वीसीके और वामपंथी गठबंधन के निशाने पर आ जाएगी जो फिलहाल पार्टी के लिए सही नहीं होगा। पार्टी का एक धडा छटा है की बीजेपी से कहा जाए कि हम अलग-अलग चुनाव में उतारें और चुनाव बाद गठबंधन करें।



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story