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महाराजा सुहेलदेव दिलाएंगे जीत, मंत्री अनिल राजभर को समाज का चेहरा बनाने की कोशिश

इस मौके पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने जिस तरह अपने संबोधनों में महाराजा सुहेलदेव के महत्व की व्याख्या की। उससे यह जाहिर होता है कि 2019 में बीजेपी महाराजा सुहेलदेव को अपने भरोसे का एक स्तंभ मान रही है।

Shivakant Shukla
Published on: 29 Dec 2018 1:32 PM GMT
महाराजा सुहेलदेव दिलाएंगे जीत, मंत्री अनिल राजभर को समाज का चेहरा बनाने की कोशिश
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लखनऊ: बीजेपी ने गाजीपुर में शनिवार को राजभर समाज की जनसभा में महाराजा सुहेलदेव पर डाक टिकट जारी कर एक बड़ा दांव चला। जनसभा में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व मंत्री ओम प्रकाश राजभर को आमंत्रित नहीं किया गया था। बल्कि उनकी जगह मंत्री अनिल राजभर को आगे किया गया। इसके जरिए पार्टी ने प्रत्यक्ष तौर पर अपनी तरफ से मंत्री अनिल को राजभर समाज का अगुवा नेता साबित करने का प्रयास किया है।

इस मौके पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने जिस तरह अपने संबोधनों में महाराजा सुहेलदेव के महत्व की व्याख्या की। उससे यह जाहिर होता है कि 2019 में बीजेपी महाराजा सुहेलदेव को अपने भरोसे का एक स्तंभ मान रही है।

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हालांकि उनके इस कार्यक्रम का स्थानीय तौर पर कुछ नेता विरोध भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय कल्याण मंच ने इसे सरासर गलत करार दिया है। उसका कहना है कि महाराजा सुहेलदेव पासी थे। मगर डाक टिकट पर उनका नाम महाराजा सुहेलदेव राजभर अंकित है। इसी तरह भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा और अपना दल के नेता कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

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पीएम मोदी ने कहा कि सरकार महाराजा सुहेलदेव को सम्मान देने का काम करेगी। पूर्व की सरकारों ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने 1030 में सालार मसूद गाजी को पूरी सेना समेत समाप्त किया था। करीब एक हजार साल बाद उनके सम्मान में कोई सरकार काम करने जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महाराज सुहेलदेव की सम्मान में बहराइच में स्मारक बनवाएगी। सीएम योगी ने भी अपने संबोधनों में महाराजा सुहेलदेव का गुणगान किया। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा 2019 में महाराजा सुहेलदेव के भरोसे अपनी नैया पार लगाने का जोखिम उठाने जा रही है।

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यह इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी राजभर समाज की संख्या काफी है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने अपना दल के साथ समझौता किया था। सियासी जानकारों के मुताबिक बीजेपी को चुनावों में इसका फायदा मिला। इस रैली को वाराणसी सीट के समीकरण से जोड़ कर देखा जा रहा है।

Shivakant Shukla

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