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महाराष्ट्र में बीजेपी की बन गई सरकार, लेकिन फंस सकता है ये बड़ा पेंच
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा सियासी भूचाल आया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी ने अजित पवार के साथ मिल सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद के तौर पर दोबारा शपथ ले ली है और अजित पवार डिप्टी सीएम बने हैं।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा सियासी भूचाल आया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी ने अजित पवार के साथ मिल सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद के तौर पर दोबारा शपथ ले ली है और अजित पवार डिप्टी सीएम बने हैं।
शरद पवार के भतीजे अजित पवार के पास कुल 22 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा कि अजित पवार का फैसला है और इससे एनसीपी का कोई लेना देना नहीं है। अब कहा जा रहा है कि एनसीपी इसका विरोध भी दर्ज करा सकती है।
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अगर एनसीपी विधायकों के टूटने को लेकर कोर्ट का जा सकती है तो आशंका है कि मामला दल-बदल कानून में फंस सकता है? ये सवाल भी सभी तरफ उठने लगे हैं।
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वर्तमान दल-बदल कानून के मुताबिक अगर एक पार्टी के सदस्य अगर दूसरी पार्टी के साथ जाना चाहते हैं तो कम से दो-तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है।
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पिछले विधानसभा चुनाव में एनसीपी की 54 सीटें आई थीं। सीटों की संख्या और मौजूदा कानून के मुताबिक अगर अजित पवार को बीजेपी के साथ मिलना है तो कुल 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी, लेकिन मौजूदा समय में 22 विधायकों का ही दावा किया जा रहा है। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया है।