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आर-पार की जंग के मूड में ममता, अलपन को लेकर चरम पर टकराव, केंद्र भी कार्रवाई पर अड़ा
Mamata Banerjee ने अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बना लिया है। वे इस मुद्दे पर आरपार की जंग लड़ने के मूड में हैं।
Mamata Banerjee Vs Center: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मुख्य सचिव पद से रिटायरमेंट के बाद अलपन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को अपना मुख्य सलाहकार (Chief Advisor) बनाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। वे इस मुद्दे पर आर-पार की जंग लड़ने के मूड में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ देरी से पहुंचने पर बंदोपाध्याय के तबादले के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखे तेवर दिखाए हैं।
दूसरी ओर केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से उठाए गए कदम भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि सरकार ने अलपन बंधोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के खिलाफ कार्रवाई का मूड बना लिया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को रिपोर्ट न करने वाले बंदोपाध्याय के खिलाफ कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी किया गया है। बंदोपाध्याय को मंगलवार सुबह दस बजे तक रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके साथ ही उनसे यह भी पूछा गया है कि आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। जानकारों का कहना है कि रिटायरमेंट के बावजूद उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है।
ममता ने चला बड़ा दांव
दरअसल अब इस पूरे मामले ने सियासी रूप ले लिया है। अलपन को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है और ममता ने अलपन के बहाने केंद्र से दो-दो हाथ करने का फैसला कर लिया है। यही कारण है कि उन्होंने सोमवार को केंद्र को जवाब देते हुए अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का एलान कर दिया। इसे ममता का केंद्र को तीखा जवाब माना जा रहा है।
अलपन के बचाव में खुलकर उतरीं ममता
इससे पहले ममता ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश सरकार कोरोना महामारी की मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिलीव नहीं कर सकती। उन्होंने केंद्र से फैसले को वापस लेने पुनर्विचार करने और आदेश को तत्काल रद्द करने का भी अनुरोध किया था।
शनिवार को भी ममता ने अलपन का बचाव किया था। उनका कहना था कि मुख्य सचिव होने के नाते मेरी मदद करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने केंद्र सरकार पर अलग-अलग तरीकों से अपमानित करने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि मैंने तो इसे स्वीकार कर लिया है, लेकिन अलपन को क्यों सजा दी जा रही है। वे ईमानदार हैं और चौबीसों घंटे काम में ही जुटे रहते हैं।
मोदी और शाह पर सीधा निशाना
सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलकर अलपन के बचाव में उतर आईं और उन्होंने इस मामले को लेकर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह देश के संघीय ढांचे को तहस-नहस करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि भाजपा हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को पचा नहीं पा रही है। यही कारण है कि वह बंगाल में विभिन्न समस्याएं खड़ी करने में जुटी हुई है।
अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बनाने की घोषणा के साथ ममता ने मोदी और शाह की तुलना हिटलर और स्टालिन से कर डाली। ममता ने कहा कि ये लोग तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की सहमति के बिना किसी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
केंद्र सरकार का भी कड़ा रवैया
दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदम से भी साफ है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कड़ा रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि डीओपीटी की ओर से अलपन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही उनसे यह भी सवाल किया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। उन्हें एक बार फिर मंगलवार 10:00 बजे तक रिपोर्ट करने को कहा गया है। हालांकि ममता रिटायरमेंट लेने और ममता का मुख्य सलाहकार बनने के बाद अब अलपन के दिल्ली पहुंचने की तनिक भी संभावना नहीं है।
चार्जशीट जारी करने की तैयारी
जानकारों का कहना है कि इस पूरे मामले ने जिस तरह सियासी रूप अख्तियार कर लिया है, उससे यह साफ है कि यह लड़ाई बहुत जल्दी समाप्त होने वाली नहीं है। यह मामला कोर्ट में जाने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि अलपन की ओर से कारण बताओ नोटिस का क्या जवाब दिया जाता है। मुख्यमंत्री ममता की ओर से फैसले को रद्द किए जाने के अनुरोध पर अभी केंद्र का जवाब नहीं आया है। माना जा रहा है कि अलपन के जवाब के बाद केंद्र की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जानकार सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय ने अलपन के खिलाफ चार्जशीट जारी करने की तैयारी कर ली है। मुख्य सचिव पद से उनके रिटायरमेंट के बावजूद केंद्र की ओर से उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
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