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चुनाव नतीजों से पहले ममता का बड़ा दांव, विपक्ष को साथ लाने में जुटीं

ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लोकतंत्र को बचाने का सही समय आ चुका है।

Shivani
Published on: 1 April 2021 5:21 AM GMT
चुनाव नतीजों से पहले ममता का बड़ा दांव, विपक्ष को साथ लाने में जुटीं
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान ममता बनर्जी ने एक बार फिर विपक्षी एकता की पहल की है। उन्होंने भाजपा विरोधी सभी दलों को चिट्ठी लिखकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
इन दलों में कांग्रेस भी शामिल है जिसके खिलाफ ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ कर रही हैं। अपनी चिट्ठी में ममता ने कहा है कि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लोकतंत्र को बचाने का सही समय आ चुका है।
ममता की चिट्ठी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि ममता की चिट्ठी से साफ हो गया है कि पश्चिम बंगाल में उनकी नाव डूबने वाली है। अपनी नाव डूबी देखकर ही उन्होंने मोदी के खिलाफ सभी दलों से एकजुट होने की अपील की है।

पश्चिम बंगाल में तगड़ी घेरेबंदी से परेशान

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और टीएमसी में कड़ी सियासी जंग हो रही है। भाजपा ने ममता को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। भाजपा का मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।
हाल के दिनों में टीएमसी के कई नेताओं ने बगावत करके भाजपा का दामन थाम लिया है। ऐसे में ममता बनर्जी की सियासी मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। नंदीग्राम के चुनावी संग्राम में भी भाजपा ने ममता को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। ऐसे में भाजपा विरोधी दलों से एकजुट होने की अपील को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ममता ने इन नेताओं को लिखी चिट्ठी

ममता ने भाजपा के खिलाफ जिन दलों से एकजुट होने की अपील की है उनमें कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, राजद, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस शामिल हैं। ममता ने इस बाबत सोनिया गांधी, शरद पवार, एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक और जगन रेड्डी को चिट्ठी लिखी है।



एनसीटी बिल का दिया उदाहरण

अपनी चिट्ठी में ममता ने कहा है कि भाजपा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोटने पर उतारू है। संसद में हाल में पास किया गया एनसीटी बिल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने संसद के दोनों सदनों में इस बिल को पारित करा लिया और इस बिल के जरिए केजरीवाल सरकार की ताकत छीन कर उपराज्यपाल को सौंप दी है। ऐसे में चुनी गई सरकार का क्या मतलब रह जाता है।

केजरीवाल सरकार के अधिकार छीने

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने गत दो विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने में कामयाबी हासिल की है। जब भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से केजरीवाल का मुकाबला नहीं कर सकी तो उसने उपराज्यपाल के जरिए सरकार की सारी ताकत छीन ली और उसे अधिकारविहीन बना दिया।

भाजपा कार्यकर्ता बन गए हैं राज्यपाल

अपनी चिट्ठी में ममता ने यह भी आरोप लगाया है कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं हैं, वहां तैनात राज्यपाल भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे राज्यों में ईडी, सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियों के जरिए नेताओं को डराया धमकाया जाता है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ऐसे राज्यों के साथ सौतेला बर्ताव करती है जो गैर भाजपा शासित हैं। ऐसे राज्यों को पैसा देने में आनाकानी की जाती है। उन्होंने मोदी सरकार पर सरकारी संपत्तियों को बेचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम आम लोगों के साथ धोखा है।

ममता की चिट्ठी पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी की इस चिट्ठी पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अपनी हार की आशंका से घबरा गई हैं और यही कारण है कि उन्होंने विपक्षी दलों से मोदी के खिलाफ एकजुट हो जाने की अपील की है।


उन्होंने कहा कि चिट्ठी से साफ हो गया है कि ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में अपनी नाव डूब जाने का एहसास हो चुका है। वे मुसीबत में फंस चुकी हैं और यह चिट्ठी अपनी डूबती नाव को बचाने की ममता की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है।

चुनाव नतीजों से पहले बड़ा दांव

सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा की घेरेबंदी से परेशान ममता बनर्जी ने चुनावी नतीजे आने से पहले ही विपक्षी एकता का दांव चला है। हालांकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस के खिलाफ भी चुनाव लड़ रही हैं मगर उन्होंने विपक्षी एकता के प्रयास के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी चिट्ठी लिखी है।
इस चिट्ठी से समझा जा सकता है कि ममता बनर्जी भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान हैं। ममता बनर्जी पहले भी कोलकाता की रैली में विपक्षी नेताओं को एक मंच पर इकट्ठा कर चुकी हैं और अब उन्होंने चुनावी नतीजे आने से पहले विपक्ष की एकता की एक बार फिर पहल की है। अभी ममता की चिट्ठी पर विपक्षी दलों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वैसे कांग्रेस छोड़कर अन्य सभी दल बंगाल विधानसभा चुनाव ममता का समर्थन कर रहे हैं।


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