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बंगाल: सोरेन की रैली से तिलमिला उठी 'ममता', झारखंड तक सीमित रहने की दी सलाह
हेमंत सोरेन ने बंगाल की रैली में कहा कि भारत में आज ऐसी सरकार है, जिसने इस देश को कुछ नहीं दिया। इस देश के पूर्वजों की संपत्ति को बेच-बेच कर देश को चलाया जा रहा है।
मिदनापुर: झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के अध्यक्ष हेमंत सोरेन के झारग्राम की रैली से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आहत हो गईं हैं।
जिसके बाद से ममता बनर्जी ने हेमंत सोरेन को बंगाल की चिंता छोड़कर अपने राज्य झारखंड की देखभाल करने की सलाह दी है।
बता दें कि हेमंत सोरेन ने गुरुवार को एक चुनाव प्रचार में पश्चिम बंगाल के झारग्राम जिले में राज्य के आदिवासी बहुल पश्चिमी हिस्से में एक स्वायत्त परिषद की स्थापना की मांग की थी।
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बंगाल: सोरेन की रैली से तिलमिला उठी 'ममता', झारखंड तक सीमित रहने की दी सलाह(फोटो: सोशल मीडिया)
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
हेमंत सोरेन के बंगाल को लेकर दिए गए बयान पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह आहत हैं कि सोरेन राजनीतिक प्रयोजनों के लिए झारग्राम आए। उन्होंने सोरेन को अपने राज्य की देखभाल करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले हम शामिल हुए थे। उन्हें और उनकी पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन दिया था। आज वह चुनाव लड़ने के लिए बंगाल आए हैं। वह उम्मीदवारों को मैदान में उतारना चाहते हैं। यह कहीं से भी ठीक नहीं है।
ये बातें उन्होंने तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय में विभिन्न गैर-बंगाली समुदायों के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में बंगाली लोग झारखंड में रहते हैं। क्या हमें भी वहां चुनाव लड़ना चाहिए?
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इस साल अप्रैल-मई में बंगाल विधानसभा चुनाव में पश्चिम की कई सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। एक स्वायत्त परिषद की स्थापना के लिए आदिवासी लोगों की एक पुरानी मांग को पूरा करने की भी बात कह रही करेंगे।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फोटो-सोशल मीडिया)
सोरेन ने रैली में क्या कहा था?
हेमंत सोरेन ने बंगाल की रैली में कहा था कि भारत में आज ऐसी सरकार है, जिसने इस देश को कुछ नहीं दिया। इस देश के पूर्वजों की संपत्ति को बेच-बेच कर देश को चलाया जा रहा है।
कभी ट्रेन, कभी एयरपोर्ट तो कभी हवाई जहाज की बिक्री हो रही है। वह दिन दूर नहीं जब इस देश में खून सस्ता और पानी महंगा होगा।
उन्होंने ये भी कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के समय साजिशन आदिवासियों को ताकतवर बनने नहीं दिया गया। झारखंड की सीमा से सटे बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को झारखंड में शामिल नहीं किया गया।
यह वृहद झारखंड का हिस्सा है। उन्होंने यहां तक कहा कि पश्चिम बंगाल के आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए झामुमो एक बार फिर से आंदोलन शुरू करेगा।
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