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मौनी महाराज ने 'उद्धव' के रामलला दर्शन पर उठाये सवाल, कहा-जो राष्ट्र का नहीं वो राम का कैसे!

मौनी महराज ने आगे कहा कि वोट की राजनीति करने के लिए शिव सेना यहां आ रही है। हमें लगता है की शिवसेना का वर्चस्व समाप्त हो चुका है।  वो राम के नाम पर राजनीति करके शिव सेना को स्थापित करना चाहते हैं। उन्हें राम से कोई मतलब नहीं।

Aditya Mishra
Published on: 25 Nov 2018 10:04 AM GMT
मौनी महाराज ने उद्धव के रामलला दर्शन पर उठाये सवाल, कहा-जो राष्ट्र का नहीं वो राम का कैसे!
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अमेठी: सगरा बाबूगंज के पीठाधीश्वर मौनी स्वामी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या में रामलला के दर्शन पर सवाल उठाये है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र का नहीं वो भगवान राम का कैसे हो सकता है। ये बात उन्होंने अमेठी में कही। उस वक्त साधु-सन्त और राम भक्तों का जत्था हजारों की संख्या में अयोध्या के लिए कूच कर रहा था।

मौनी महराज ने आगे कहा कि वोट की राजनीति करने के लिए शिव सेना यहां आ रही है। हमें लगता है की शिवसेना का वर्चस्व समाप्त हो चुका है। वो राम के नाम पर राजनीति करके शिव सेना को स्थापित करना चाहते हैं। उन्हें राम से कोई मतलब नहीं। जो बाला साहब ठाकरे महाराष्ट्र से हिन्दुओं को निकालने का काम करते थे। वो राम लला का समर्थन कैसे करेंगे?

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शिवसेना लेना चाहती है बाबरी मस्जिद विध्वंस का श्रेय

उन्होंने शिव सेना के दावें पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद तुडवाने का जो श्रेय वो लेना चाहते है उसके असली हकदार पवन पाण्डेय है, क्योंकि वे तब शिव सेना में थे। वो हमारे क्षेत्र के थे। उन्हीं की अगुवाई में हुआ और वो मुलजिम भी हैं। उद्धव ठाकरे जो कि उत्तर भारत का विरोध करते हैं और सियासत करने के लिए उत्तर भारत में आए हुए हैं।

वोट की राजनीति करने से राम का काम नहीं चलेगा, जिन्हें राम चाहिए वह राम की बात करें। अगर वोट चाहिए तो अपने घर वापस जाएं। सरकार में रहने वाले लोग कान खोलकर सुन ले जो राम लला का नहीं वह हमारा नहीं।

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बाबर भारत का दुश्मन है उसको स्थान नहीं देंगे

उन्होंने कहा के अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण हेतु सारे संत महात्मा अयोध्या के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। राम भक्त तय करेंगे की राम मंदिर निर्माण की तिथि कब होगी? उन्होंने कहा 'सौगंध राम की खाते हैं, अपमान का बदला हम लेंगे, बाबर भारत का दुश्मन है उसको स्थान नहीं देंगे'। इसी कल्पना के साथ आज हम लोग अयोध्या निकल रहे हैं और विश्वास है कि 6 दिसंबर के पहले राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो। हमारे मित्र डॉ. रामविलास वेदांती इस कार्यक्रम में नहीं है जो कि संतों का कार्यक्रम है, इसलिए उन्होंने मुझे आमंत्रण दिया है, मैं कार्यक्रम में जा रहा हूं और विश्वास है कि राम मंदिर निर्माण की तिथि आज तय होगी।

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Aditya Mishra

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