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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को मायावती ने बताया छलावा
मायावती ने ट्वीट किया, 'किसान सम्मान के नाम पर कुछ किसानों को मात्र 500 रुपये हर महीने देना खुला अपमान है। किसान सबसे बड़ा मेहनतकश समाज है। इनको मात्र थोड़ी सी सरकारी मदद देने की बीजेपी सरकार की सोच अनुचित और अहंकारी है। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य चाहिए, जिसपर बीजेपी ने वादाखिलाफी की।'
लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है और पीएम नरेंद्र मोदी ने जब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में किसान सम्मान निधि योजनाकी शुरुआत की तो उन्होंने किसानों की माली हालत के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही पीएम ने इस चर्चित योजना के लिए अपनी सरकार की पीठ भी थपथपाई। पीएम के तंज पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख ने पीएम पर पलटवार किया है।
मायावती ने ट्वीट किया, 'किसान सम्मान के नाम पर कुछ किसानों को मात्र 500 रुपये हर महीने देना खुला अपमान है। किसान सबसे बड़ा मेहनतकश समाज है। इनको मात्र थोड़ी सी सरकारी मदद देने की बीजेपी सरकार की सोच अनुचित और अहंकारी है। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य चाहिए, जिसपर बीजेपी ने वादाखिलाफी की।'
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय किसान सम्मान निधि को नोटबंदी और जीएसटी की तरह अपरिपक्व तौर पर लागू करके किसानों को मात्र 17 रुपये प्रतिदिन देना बीजेपी की छोटी सोच है। सत्ता का लगातार दुरुपयोग करने वाली मोदी सरकार अभी भी सही लाइन पर नहीं आ रही है।
'योजना के बारे विरोधियों ने सुना तो चेहरे लटक गए'
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में ' किसान सम्मान निधि योजना' को लॉन्च करते हुए एक तरफ किसानों को संबोधित किया तो दूसरी तरफ विपक्ष पर भी तीखे वार किए। पीएम मोदी ने स्कीम के फायदे गिनाते हुए कहा कि इस योजना के बारे में जब हमारे विरोधियों ने संसद में सुना तो चेहरे लटक गए थे। महामिलावटी लोग परेशान हो गए और अब अफवाहें फैला रहे हैं। मुझे लगता है कि यह उनका जन्मजात स्वभाव है। अब उन्होंने ऐसी अफवाह चालू की है कि मोदी ने अभी 2,000 रुपये दिए हैं, फिर देगा, लेकिन साल भर के बाद इसे वापस ले लेगा।
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