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मोदी नीति: क्या सहारनपुर से खुलेगा UP में BJP का सत्ता द्वार ?

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Published on: 25 May 2016 10:06 AM GMT
मोदी नीति: क्या सहारनपुर से खुलेगा UP में BJP का सत्ता द्वार ?
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bjp rally - pm modi - power key

सहारनपुर: केंद्र में बीजेपी सरकार के 2 साल पूरे होने पर विकास पर्व मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत 26 मई को यूपी के सहारनपुर से हो रही है। इस रैली को खुद पीएम नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। मिशन 2017 के लिए पूरी यूपी में ढेरों कार्यक्रम हो रहे हैं और केंद्रीय मंत्रियों का जमावड़ा लग रहा है। लेकिन पहली रैली के लिए सहारनपुर का चयन क्यों? इस बड़े सवाल के कुछ खास अर्थ हैं

फैक्टर नंबर वन

-पहली रैली सहारानपुर में आयोजित करने का एक बड़ा कारण है इस इलाके का दलित वोट बैंक।

-बीजेपी पहले ही हमले में बीएसपी के इस किले को ध्वस्त करके यह संदेश देना चाहती है, कि दलित उसके साथ हैं।

-इस दलित वोट बैंक का इतिहास रहा है, कि वह जिसके साथ जाता है, इकट्ठा जाता है।

-इस क्षेत्र का दलित वोट बैंक इतना वज्नी होता है, कि उसका समर्थन सत्ता का रास्ता आसान कर देता है।

-खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती सहारनपुर की हरोड़ा सीट से (अब सहारनपुर देहात) चुनाव लड़ कर जीत चुकी हैं और सीएम बन चुकी हैं।

-वर्ष 2012 के असेंबली इलेक्शन में सीनियर बीजेपी लीडर राजनाथ सिंह ने भी अपने अभियान की शुरूआत यहीं से की थी।

रैली की तैयारियों का जायजा लेते अधिकारी रैली की तैयारियों का जायजा लेते अधिकारी

फैक्टर नंबर टू

-पारंपरिक वोट बैंक के साथ बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगा कर बीजेपी सुरक्षित हो जाना चाहती है।

-प्रधानमंत्री की 26 मई की रैली के लिए दलितों को एकजुट करने के युद्ध स्तरीय प्रयास शुरू हो गए हैं।

-इसके लिए वार्ड और ग्राम स्तर पर दलित नेताओं को बीजेपी से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

यूपी में बीजेपी की पहली रैली यहीं होगी यूपी में बीजेपी की पहली रैली यहीं होगी

फैक्टर नंबर थ्री

-वेस्ट यूपी में सहारनपुर ही दलितों का सबसे बड़ा गढ़ है।

-इलाके के दूसरे जिले मेरठ, मुजफ्फरनगर या अन्य शहर जाट बहुल क्षेत्र हैं। यहां जाटों को जुटाया जा सकता है, लेकिन दलितों को जुटाना मुश्किल होता।

-सहारनपुर रैली में स्थानीय दलितों के साथ ही शामली, बड़ौत, बागपत, मेरठ और गाजियाबाद के जाटों को भी जुटाया जा

सकता है।

रैली स्थल को संवारने में जुटे मजदूर रैली स्थल को संवारने में जुटे मजदूर

फैक्टर नंबर फोर

-सूबे में वेस्ट यूपी के समीकरण सत्ता के रास्ते आसान कर देते हैं, जबकि वेस्ट यूपी को सहारनपुर के राजनीतिक समीकरण प्रभावित करते हैं।

-बीएसपी के सबसे ज्यादा विधायक इसी इलाके से विधानसभा पहुंचते हैं। जबकि, बीजेपी अब तक शहर सीट तक ही सीमित रही है।

-यहां के दारुल उलूम की आवाज को देश भर में तवज्जो दी जाती है

शायद यही वे कारण हैं, कि बीजेपी के विकास पर्व की शुरुआत सहारनपुर से हो रही है, और इस पहली रैली को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करने आ रहे हैं।

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