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Mission 2024 : जम्मू-कश्मीर में बिखर गया विपक्षी कुनबा,नेशनल कांफ्रेंस के फैसले से महबूबा नाराज

Mission 2024 :घाटी में इंडिया गठबंधन पूरी तरह टूट चुका है और गठबंधन में शामिल दल एक-दूसरे को चुनौती देने की कोशिश में जुट गए हैं

Anshuman Tiwari
Published on: 3 April 2024 10:24 AM GMT (Updated on: 3 April 2024 10:26 AM GMT)
Mission 2024(Photo: Social Media)
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Mission 2024 (Photo: Social Media)

Mission 2024 : अभी तीन दिनों पूर्व दिल्ली के रामलीला मैदान में एकजुटता के गीत गाने वाला विपक्षी कुनबा जम्मू-कश्मीर में बिखरता हुआ नजर आ रहा है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती के गढ़ में अपना प्रत्याशी उतार दिया है। उनके इस कदम से इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों में समझौते की संभावना समाप्त हो गई है।

नेशनल कांफ्रेंस के इस कदम से नाराज पीडीपी की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री महोबा मुफ्ती ने कहा है कि अब पीडीपी के पास कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उनके इस बयान से साफ हो गया है कि घाटी में इंडिया गठबंधन पूरी तरह टूट चुका है और गठबंधन में शामिल दल एक-दूसरे को चुनौती देने की कोशिश में जुट गए हैं।

महबूबा के गढ़ में नेशनल कांफ्रेंस ने प्रत्याशी उतारा

नेशनल कांफ्रेंस ने पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती का गढ़ माने जाने वाले अनंतनाग- राजौरी लोकसभा क्षेत्र में अपने पार्टी के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने वरिष्ठ गुज्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। उल्लेखनीय की यह सीट महबूबा मुफ्ती की रही है और इस सीट से महबूबा मुफ्ती और उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद चुनाव जीत चुके हैं।जानकार सूत्रों का कहना है कि महबूबा मुफ्ती इस बार भी इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी हुई हैं। हालांकि पीडीपी की ओर से अभी तक महबूबा मुफ्ती की उम्मीदवारी का ऐलान नहीं किया गया है मगर इसी बीच नेशनल कांफ्रेंस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया है।मियां अल्ताफ अहमद की उम्मीदवारी की घोषणा पर खुशी जताते हुए फारूक अब्दुल्ला ने भरोसा जताया कि उन्हें इस क्षेत्र के लोगों का भरपूर समर्थन हासिल होगा। इस घोषणा के बाद नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के बीच टकराव की जमीन तैयार हो गई है।


नाराज महबूबा ने दी प्रत्याशी उतारने की चेतावनी

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इंडिया अलायंस के तहत जम्मू की दो लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं। बाकी बची तीन सीटों पर पार्टी की ओर से अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया गया है। नेशनल कांफ्रेंस के इस कदम से महबूबा मुफ्ती काफी नाराज हैं।उनका कहना है कि नेशनल कांफ्रेंस ने घाटी की तीनों लोकसभा सीटों पर पीडीपी उम्मीदवार उतारने के अलावा हमारे लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।महबूबा ने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड जल्द ही इस बाबत बड़ा फैसला लेगा।

पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस में होगी भिड़ंत

महबूबा के बयान से साफ हो गया है कि घाटी की बाकी बची तीन सीटों पर पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार एक-दूसरे को चुनौती देंगे। ऐसे में विपक्षी एकजुटता जम्मू-कश्मीर में तार-तार होती हुई नजर आ रही है।विपक्षी नेताओं की पटना से शुरू हुई बैठकों से लेकर रामलीला मैदान की रैली तक महबूबा मुफ्ती हर मंच पर दिखती रही हैं। दूसरी ओर फारूक अब्दुल्ला भी विपक्षी बैठकों और रेलिया में हिस्सा लेते रहे हैं मगर इन दोनों नेताओं के बीच अपने ही राज्य में एकजुटता नहीं दिख रही है।दोनों नेताओं के बीच छिड़ी सियासी वर्चस्व की इस जंग के कारण अब समझौते की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है।

उधमपुर में जितेंद्र सिंह की हैट्रिक की तैयारी

राज्य की उधमपुर लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस की ओर से चौधरी लाल सिंह उन्हें चुनौती दे रहे हैं। इस सीट पर गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीपीएपी ने पूर्व मंत्री जीएम सरूरी को चुनाव मैदान में उतार दिया है।जितेंद्र सिंह ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में उन्होंने गुलाम नबी आजाद को हराया था जबकि 2019 के चुनाव में उन्होंने महाराज हरि सिंह के पोते कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को भारी मतों से हराया था। अब वे तीसरी बार इस सीट से लोकसभा पहुंचने की तैयारी में जुटे हुए हैं।


Shalini Rai

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