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Modi Ke Satta Mein 20 Saal: सियासत के महानायक बनकर उभरे, चुनौतियों का किया डटकर मुकाबला

Modi Ke Satta Mein 20 Saal: देश के सियासी क्षितिज पर छा जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज निर्वाचित सरकार के मुखिया के रूप में 20 वर्ष का सफर पूरा कर लिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 7 Oct 2021 10:38 AM IST
Modi Ke Satta Mein 20 Saal: सियासत के महानायक बनकर उभरे, चुनौतियों का किया डटकर मुकाबला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Modi Ke Satta Mein 20 Saal: देश के सियासी क्षितिज पर छा जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज निर्वाचित सरकार के मुखिया के रूप में 20 वर्ष का सफर (PM Modi Ka Rajniti Mein 20 Saal) पूरा कर लिया है। उन्होंने 2001 में आज ही के दिन गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। इसके बाद वे लगातार करीब साढ़े तेरह वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहे और इसी पद पर रहते हुए उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाकर यूपीए के 10 साल के शासन का अंत कर दिया।

मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और उन्होंने 22 मई 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला था और तब से वे देश के सियासी पटल पर छाए हुए हैं। पिछले सात वर्षों से देश के प्रधानमंत्री पद की कमान संभालने वाले मोदी को मौजूदा सियासी हालात में कोई भी नेता चुनौती देता नहीं दिखता है।

वे सियासत के महानायक के रूप में उभरे हैं और लोकप्रियता के मामले में कोई भी नेता उनके आसपास भी नहीं दिखता। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है और देश की प्रगति के लिए कड़े फैसले लेने से भी परहेज नहीं किया। यही कारण है कि अभी उनके नेतृत्व को कोई चुनौती मिलती नहीं दिखती।

पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नेतृत्व क्षमता से मिली कामयाबी (PM Modi Ka Netratva)

गुजरात के मेहसाणा के वडनगर में 17 सितंबर 1950 को पैदा होने वाले मोदी का बचपन में ही जनसंघ से जुड़ाव हो गया था। 1972 में वे संघ से जुड़े और इसके बाद उन्होंने नवनिर्माण आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गुजरात लोक संघर्ष समिति के महासचिव के रूप में उन्होंने इंदिरा गांधी के आपातकाल के खिलाफ भी जोरदार लड़ाई लड़ी। 1987 में भाजपा से जुड़ने के बाद वे लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते रहे।

एक वर्ष बाद ही उन्हें गुजरात में महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी संगठन क्षमता को देखते हुए बाद में उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री भी बनाया गया और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई। भाजपा में आने के बाद मोदी को जो भी काम सौंपे गए, उसमें उन्होंने नेतृत्व क्षमता, संगठन कौशल और जुझारू तेवर दिखाए और यही कारण था कि जल्द ही वे गुजरात भाजपा में बड़ा सियासी कद पाने में कामयाब रहे।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

गुजरात में करिश्माई नेतृत्व

मोदी को 2001 में केशुभाई पटेल के जगह गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री के रूप में करीब साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके थे मगर राज्य में बढ़ते असंतोष के कारण पार्टी हाईकमान ने नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया था। मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 2002 के चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की थी। मोदी की अगुवाई में भाजपा 127 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। वे राज्य के करिश्माई नेता साबित हुए और 2007 के चुनाव में भी उन्होंने अपने दम पर भाजपा को जीत दिलाई। उनकी अगुवाई में भाजपा 2007 में 115 सीटों पर जीत के साथ बहुमत पाने में सफल रही।

नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

गुजरात में कांग्रेस नहीं भेद पाई किला

कांग्रेस 2012 के चुनाव में भी मोदी की किलेबंदी को नहीं भेद पाई और इस बार फिर मोदी भाजपा को जीत दिलाने में कामयाब रहे। 2012 के चुनाव में मोदी लगातार तीसरी बार जीते और इस बार भी भाजपा ने 115 सीटें जीतकर कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया।

मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में विकास का ऐसा मॉडल सबके सामने पेश किया जिसे गुजरात मॉडल के नाम से जाना जाने लगा। गुजरात में मोदी की ओर से दिखाई गई ताकत उनके सियासी भविष्य को मजबूत करने वाली साबित हुई।

विरोध के बावजूद बने पीएम पद का चेहरा (BJP Pradhanmantri Face)

यह मोदी की लोकप्रियता का ही असर था कि उन्हें 2013 में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया गया। उस समय पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मोदी के नाम पर सहमत नहीं थे मगर उनकी लोकप्रियता के कारण ही भाजपा को यह बड़ा फैसला लेना पड़ा। इसके बाद मोदी ने पूरे देश का तूफानी दौरा करते हुए 2014 के चुनाव में भाजपा को करिश्माई जीत दिलाई।

मोदी की अगुवाई में भाजपा 282 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही और मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 1989 के बाद पहली बार किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला और मोदी ऐसे पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने।

नरेंद्र मोदी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

दूसरी बार दिलाई और बड़ी जीत (Lok Sabha Chunav 2019 Result)

पांच साल तक सत्ता में रहने के बाद किसी भी पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी रुझान का खतरा पैदा हो जाता है मगर मोदी ने अपने करिश्माई नेतृत्व से इस मिथक को भी तोड़ दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की। इस बार भाजपा मोदी की अगुवाई में 330 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही और मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वाले मोदी ने सचमुच कांग्रेस को इतना कमजोर कर दिया है कि वह अभी भी मोदी को सशक्त चुनौती देने की स्थिति में नहीं दिख रही है।

नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया अकाउंट्स (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सोशल मीडिया पर जबर्दस्त लोकप्रियता (Modi Social Media Followers)

सोशल मीडिया पर भी मोदी की जबर्दस्त फॉलोइंग है और वे विश्व के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार किए जाते हैं। ट्विटर पर मोदी के 71.6 मिलियन, इंस्टाग्राम पर 60.8 मिलियन और फेसबुक पर 46 मिलियन फॉलोअर्स हैं। इन आंकड़ों से मोदी की लोकप्रियता को आसानी से आंका जा सकता है। मोदी ने न केवल देश की सियासत में महानायक की छवि बनाई है बल्कि वे वैश्विक स्तर पर भी सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले नेताओं में शामिल हैं।

ग्लोबल रैंकिंग में भी वे कई बार विश्व के ताकतवर नेताओं को पिछाड़ चुके हैं। 2014 में देश की सत्ता संभालने के बाद मोदी लगातार कुछ अलग करने की धुन में जुटे हुए हैं और यही कारण है कि भाजपा के तमाम नेताओं की ओर से दावा किया जाता है कि मोदी ने सात वर्षों के कार्यकाल में इतने काम कर डाले हैं जो पिछले 70 वर्षों में भी नहीं किए गए।

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Shreya

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