MP- Elections 2018: कांग्रेस के सपने को तोड़ने में लगी साइकिल और हाथी 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। दोनों ही पार्टियां जीत का दावा कर रही हैं। 15 साल से मध्य प्रदेश में बनवास झेल रही कांग्रेस सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही है, लेकिन बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव दोनों ही कांग्रेस का सपना तोड़ने में लगे हुए हैं। ये दोनों ही पार्टियां राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में असफल रहीं। 

Anoop Ojha
Published on: 22 Nov 2018 12:04 PM GMT
MP- Elections 2018: कांग्रेस के सपने को तोड़ने में लगी साइकिल और हाथी 
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भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। दोनों ही पार्टियां जीत का दावा कर रही हैं। 15 साल से मध्य प्रदेश में बनवास झेल रही कांग्रेस सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही है, लेकिन बसपा प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव दोनों ही कांग्रेस का सपना तोड़ने में लगे हुए हैं। ये दोनों ही पार्टियां राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में असफल रहीं।

मध्य प्रदेश में कोई मजबूत संगठन नहीं है दोनों पार्टियों के पास

सपा दोनों ही राजनीतिक पार्टियों का मध्य प्रदेश में कोई मजबूत संगठन नहीं है। बीएसपी, अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक के बदौलत ही अपनी ताकत दिखाती रही है। जहां ऊंची जाति का उम्मीदवार होता है उन क्षेत्रों में बसपा की ताकत प्रभावी रूप से दिखती है। सपा और बसपा की ताकत बढ़ाने में बीजेपी और कांग्रेस के बागी और महत्वाकांक्षी नेता मददगार साबित होते हैं। दोनों ही राजनीतिक दलों ने असंतुष्ट नेताओं को तलाश कर अपनी-अपनी पार्टी की टिकट थमाया है।

बुंदेलखंड में अधिक सक्रिय हैं दोनों ही पार्टियां

विधानसभा में दोनों ही पार्टियां बुंदेलखंड में अधिक सक्रिय हैं। बुंदेलखंड में बसपा और सपा ने बीजेपी और कांग्रेस का गणित खराब कर दिया है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की राजनगर सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी के पुत्र नितिन चतुर्वेदी, बिजावर सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक जगदीश शुक्ला के भाई राजेश शुक्ला को सपा ने टिकट थमाया है। बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने सत्यव्रत चतुर्वेदी को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

बीजेपी के बागी अजय सिंह यादव खरगापुर सीट से

वहीं महाराजपुर सीट पर कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष रहे राजेश मेहतो को बसपा ने अपना टिकट दिया है, तो वहीं बीजेपी के बागी चंदला, जतारा और खरगापुर की सीट पर हैं। चंदला में नगर पंचायत की अध्यक्ष अनित्य सिंह बागरी को सपा ने मैदान में उतारा है। खरगापुर सीट पर पूर्व विधायक अजय सिंह यादव बीजेपी से बगावत कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

जतारा की सीट पर बीजेपी से नाराज जिला पंचायत सदस्य अनीता खटीक सपा के टिकट चुनाव लड़ रही हैं। सागर विधानसभा सीट से कांग्रेस से बगवात कर जगदीश यादव सपा से टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। इसी तरह दमोह सीट से बीजेपी के पूर्व मंत्री और बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

पिछले चुनावों में दोनों ही पार्टियों की ताकत में कमी आई

मध्य प्रदेश के सात जिलों की सीमाएं उत्तर प्रदेश से सटी हुईं हैं और उत्तर प्रदेश, बसपा-सपा दोनों ही राजनीति पर्टियों का प्रमुख केंद्र है। राज्य के पिछले चुनावों में दोनों ही पार्टियों की ताकत में कमी आई है। प्राप्त वोटों के हिसाब से बसपा को 2013 में 5.93 प्रतिशत और कुल मतों के हिसाब से 2.68 प्रतिशत का नुकसान हुआ। बसपा को 2008 चुनाव में 8.97 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि 2013 में उसे 6.29 प्रतिशत मत हासिल हुए है। बसपा की सीटें भी सात से घटकर चार रह गई हैं। उसी तरह सपा को 2008 में 1.99 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे जबकि 2013 में उसे सिर्फ 1.19 प्रतिशत ही मत प्राप्त हुए। इसके बावजूद दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के सपने को तोड़ने में लगी हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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