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पर्यावरण स्पेशलः मानसून सत्र में प्रदूषण ऐसे रोकेंगे माननीय

देश में कोरोना ने बहुत बुरी तरह पैर पसारा हुआ है। लेकिन इन सबके बीच में संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है।

Roshni Khan
Published on: 5 Jun 2020 4:30 PM IST
पर्यावरण स्पेशलः मानसून सत्र में प्रदूषण ऐसे रोकेंगे माननीय
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नई दिल्ली: देश में कोरोना ने बहुत बुरी तरह पैर पसारा हुआ है। लेकिन इन सबके बीच में संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। लेकिन सबसे खास बात ये होगी कि इस बार का सत्र एनवायरमेंट फ्रेंडली रहने वाला है। वहीं इस बार सभी सांसद पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक कारों का यूज़ करेंगे। ऐसा दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू लगाने और संसद में ग्रीन कल्चर को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

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ओम बिरला ने की समीक्षा

इस बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान में चल रही कार यूसेज पॉलिसी की समीक्षा की। वहीं अधिककारियों ने बताया कि लोकसभा सचिवालय के अलावा, सरकार की तरफ से संचालित भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) संसद सदस्यों को फेरी लगाने के लिए कारें प्रदान करती हैं।

Prakash Javadekar with hyundai kona

मंत्री आवास तक छोड़ने के लिए ई-कारें

मिली जानकारी के मुताबिक सत्र के दौरान, सदन खत्म होने के बाद सदस्यों को उनके आवास तक इन इलेक्ट्रकि कारों से छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही संसद सदस्य भी भवन आने के लिए निजी और सरकारी गाड़ियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, पार्किंग की सीमित संख्या होने के चलते तकरीबन 60 फीसदी संसद सदस्य सत्र के दौरान फेरी गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं।

इलेक्ट्रिक कारें राज्यसभा में आ सकती हैं

लोकसभा सचिवालय के अलावा उच्च सदन राज्यसभा ने भी मौजूदा गाड़ियों की समीक्षा की है। ऐसा माना जा रहा है कि वहां से भी इलेक्ट्रिक कारों की मांग उठ सकती है। तकरीबन 10 साल बाद वहां दो कारें खरीदने का प्रस्ताव लंबित है, जिसे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और हरिवंश नारायण सिंह को दिया जाना है। लेकिन कोरोना की वजह से इन गाड़ियों की खरीदारी टाल दी गई।

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इन लोगों के प्रवेश पर रोक

तो वहीं कोरोना को देखते हुए लोकसभा सचिवालय ने संसद परिसर में पूर्व कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। ये रोक संयुक्त सचिव से नीचे की रेंक के अवकाश प्राप्त अधिकारियों पर लागू होगा। ऐसे में सचिवालय का कहना है कि ये रोक संसद परिसर में संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए लगाई गई है।

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