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मुलायम सिंह के जन्मदिन पर शिवपाल यादव ने किया ये बड़ा खुलासा
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आप लोग चाहो तो मैं राजनीति में कार्यकर्ता बनने के लिए तैयार हूं। शिवपाल यादव शुक्रवार को सैफई के चंदगीराम स्पोर्ट्स स्टेडियम में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्म दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आप लोग चाहो तो मैं राजनीति में कार्यकर्ता बनने के लिए तैयार हूं।
शिवपाल यादव शुक्रवार को सैफई के चंदगीराम स्पोर्ट्स स्टेडियम में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्म दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक कहावत है अगर आप बिजनेस कर रहे हों और मुनीम को मालिक बना देगे तो भट्टा बैठेगा ही। मुलायम सिंह रक्षा मंत्री बने तीन बार मुख्यमंत्री बने। यह भी सही है दो बार तो मुख्यमंत्री बनाने में हमारा बहुत बड़ा योगदान रहा।
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उन्होंने कहा कि कभी-कभी तो अपने लोग भी धोखा देते हैं लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए। शिवपाल बोले हमारी पार्टी के समस्त लोगों ने बैठक की। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि नेता जी का जन्मदिन एकता दिवस के रूप में मनाया जाए। जिसमें गरीब किसान एवं हर जाति वर्ग के लोगों को एकजुट किया जाए।
जब एकता की बात आई तो प्रेस वालों ने कहा कि आपके घर के लोग एक होंगे। शिवपाल बोले, मैंने हमेशा नेताजी की बात को माना है और कभी उनकी बात को टाला नहीं। हम चाहते हैं परिवार एक रहे।
हमने कभी नेताजी की बात नहीं गिराई। जिन लोगों ने गिराया है वह लोग आज भी उनकी बात नहीं मान रहे हैं। हम आज भी नेता जी की बात को मानने के लिए तैयार हैं। समाजवादी विचारधारा से जुड़े सभी लोगों ने हमसे कहा कि अगर भतीजा बात नहीं मान रहा है तो आप ही झुक जाओ।
मैंने सबकी बात मानी। कहा कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है अगर मुझे मुख्यमंत्री बनना होता तो 2003 में ही मुख्यमंत्री बन जाता। हम नेता जी से बोल देते तो नेताजी हमें ही मुख्यमंत्री बनाते लेकिन मुझे नहीं बनना था।
उन्होने कहा कि हम प्रोफेसर के यहां गए थे। हम ने यह कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए सब लोग एक रहें। उनकी ओर से अखबारो में बयान दिया था कि ऐसी पार्टियां तो हमने बहुत बनती देखी हैं जिनको 500 वोट नहीं मिलेंगे।
पूर्वांचल में जाएंगे तो पीटे जाएंगे इसलिए हमने फिरोजाबाद से चुनाव लड़ा था। प्रो. रामगोपाल की ओर इशारा करते हुए उन्होने कहा कि उनकी तरफ केंद्र सरकार का हाथ था मेरे पास तो पैसा नहीं था।
उसके बावजूद भी मुझे परिवार की बात माननी पड़ी। फिरोजाबाद में मुझे वोट कम मिला और वोट भाजपा में चला गया। बस मैं यह कहना चाहता हूं मैं तो नेताजी की बात आज भी मानने को तैयार हूं। उन्होंने परिवार की हारी हुई सभी सीटें के बारे में जिक्र किया।
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उन्होंने कहा कि परिवार की एकता कायम रहे इसके लिए वो अपनी तरफ से किसी भी तरह का समर्पण करने के लिए तैयार है। यदि सबकी राय होगी तो वे सक्रिय राजनीति भी छोड़ देंगे। सिर्फ कार्यकर्ता बनकर ही काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर देश में परिवर्तन लाना है तो त्याग और संघर्ष करना ही होगा। यह सब नेता जी ने किया है। उन्होंने कहा कि नेताजी प्रधानमंत्री पहले ही बन जाते लेकिन उनकी यह भूल समझो या गलती।
अगर परिवार में माहौल खराब नहीं होता तो एक भी सीट नहीं हारते। उन्होंने कहा कि आज अधिकारियों के भरोसे सरकार चल रही है। अगर अधिकारियों के भरोसे सरकार चलेगी तो कैसे कार्य होगा।
प्रदेश में अधिकारी जनता को परेशान कर रहे हैं। सुन नहीं रहे हैं। अभी एक मंत्री ने अधिकारी को फोन कर दिया था तो मंत्री का पद ही खतरे में पड़ गया।
उन्होने कहा कि अधिकारियों के दिमाग खराब है विधायकों को समझते ही नहीं। मंत्री व विधायक का प्रोटोकाल बहुत ऊंचा होता है। जिस दिन हमें विधायक नहीं समझेंगे अधिकारी उस दिन अधिकारियो को समझ में आ जाएगा।
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