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सपा के स्टार प्रचारक नहीं होंगे मुलायम, मैनपुरी में प्रत्याशी न उतारकर कर्जा उतारेगी BJP

अगले लोकसभा चुनाव में कभी समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर दिखेगा। अपनी ही पार्टी में वह अपने लोकसभा चुनाव क्षेत्र मैनपुरी तक सिमट के रह जाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुलायम सिंह यादव इन हालातों में क्या शिवपाल के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मंच पर होंगे या नहीं।

Anoop Ojha
Published on: 21 Feb 2019 1:50 PM GMT
सपा के स्टार प्रचारक नहीं होंगे मुलायम, मैनपुरी में प्रत्याशी न उतारकर कर्जा उतारेगी BJP
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योगेश मिश्र

लखनऊ: अगले लोकसभा चुनाव में कभी समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव का नाम स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर दिखेगा। अपनी ही पार्टी में वह अपने लोकसभा चुनाव क्षेत्र मैनपुरी तक सिमट के रह जाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुलायम सिंह यादव इन हालातों में क्या शिवपाल के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मंच पर होंगे या नहीं। मैनपुरी के अलावा दूसरे लोकसभा क्षेत्रों से मुलायम सिंह यादव को दूर रखने की बड़ी वजह सपा का बसपा से गठबंधन और फिर संसद के अंतिम सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में बांधे गए पुल होंगे। लेकिन अगर सबकुछ ऐसे ही रहा तो जो सद्भावना अखिलेश और मायावती अमेठी और रायबरेली के लिए जता रहे हैं भाजपा भी वह सद्भावना मुलायम सिंह यादव के लिए जताकर दिखा देगी।

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बसपा से गठबंधन पर मुलायम खफा

मुलायम सिंह ने गुरुवार को सपा और बसपा गठबंधन पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को उसी के लोग खत्म कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि बसपा के साथ गठबंधन के चलते हमारी आधी सीटें खत्म हो गई हैं। आखिर वहां के हमारे नेता क्या करेंगे। उन्होंने गठबंधन का जिम्मेदार अखिलेश यादव को ठहराया और कहा कि अपने दम पर तीन बार सरकार बनाई गई, लेकिन इस बार तो लडऩे से पहले ही आधी सीटें दे गईं।

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बेदखल किए जाने के बाद अपनी पार्टी के मार्गदर्शक बन बैठे हैं। जनेश्वर मिश्र पार्क में भारी गहमागहमी के बीच अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लेकर मुलायम सिंह यादव को संरक्षक बना दिया था। शिवपाल सिंह यादव बाहर कर दिए गए थे। मुलायम सिंह यादव पुत्र और भाई मोह में एक-दो कदम आगे-पीछे चलते रहे। कभी वह अखिलेश के मंच तो कभी शिवपाल के मंच पर दिखते रहे। अखिलेश के मंच से शिवपाल की और शिवपाल के मंच से अखिलेश की तारीफ करने में उन्होंने कोई गुरेज नहीं किया।

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बड़ा फैसला लेकर संदेश देगी भाजपा

संसद के सत्र के आखिरी दिन सोनिया गांधी के बगल में बैठकर जिस तरह उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कसीदे पढ़े और यह कहा कि मोदी जी विपक्ष को साथ लेकर चलते हैं। हमने जो भी काम कहा, उन्होंने तुरंत कर दिया। सदन में उन्होंने ऐलान किया कि हम लोग तो अपनी सरकार नहीं बना पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने दुआ कि मोदी जी फिर प्रधानमंत्री बनें। उनकी इस शुभकामना को भी प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़ विनम्रता के साथ स्वीकार किया। नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह यादव के रिश्तों की ही यह तासीर कही जाएगी कि उनके यहां तेजप्रताप यादव के विवाह और रिसेप्शन दोनों कार्यक्रमों में नरेंद्र मोदी शरीक हुए थे। वह भी तब जब रिश्ता लालू प्रसाद यादव के घर हो रहा था।

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लालू से नरेंद्र मोदी के रिश्तों की खटास किसी से छुपी नहीं है। अपने पूरे तकरीबन पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलायम सिंह यादव और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा किसी के यहां भी संपन्न मांगलिक कार्य में दो बार नहीं गए हैं। सूत्रों की मानें तो अगर समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव को उनके कहीं भी कुछ बोल देने की बात लेकर किनारे करने की कोशिश करेगी तो भारतीय जनता पार्टी भी मैनपुरी से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला ले सकती है। भारतीय जनता पार्टी के इस फैसले से बुजुर्ग यादव मतदाताओं में बड़ा संदेश जाएगा।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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