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योगी से मिले माया पर 'ऑडियो टेप' का धमाका करने वाले नसीमुद्दीन, क्या BJP में होंगे शामिल?

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्काषित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सोमवार (15 मई) को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। 15 मिनट की इस मुलाकात में सिद्दीकी ने खुद और परिवार पर मंडराते खतरे का उल्लेख कर सीएम से जेड श्रेणी की सुरक्षा बरकरार रखने की मांग की और कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा का यह घेरा प्राप्त हुआ था।

tiwarishalini
Published on: 16 May 2017 5:26 AM IST
योगी से मिले माया पर ऑडियो टेप का धमाका करने वाले नसीमुद्दीन, क्या BJP में होंगे शामिल?
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योगी से मिले माया पर 'ऑडियो टेप' का धमाका करने वाले नसीमुद्दीन, लेकिन क्यों ?

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्काषित नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सोमवार (15 मई) को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। 15 मिनट की इस मुलाकात में सिद्दीकी ने खुद और परिवार पर मंडराते खतरे का उल्लेख कर सीएम से जेड श्रेणी की सुरक्षा बरकरार रखने की मांग की और कहा कि उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा का यह घेरा प्राप्त हुआ था।

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लिहाजा उनकी सुरक्षा में कटौती न की जाए। सीएम ने उनकी मांग पर विचार और न्यायोचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। बता दें कि बसपा से निष्कासित होने के बाद नसीमुद्दीन ने प्रेस कांफ्रेंस कर आधा दर्जन 'आडियो टेप' सार्वजनिक किए थे। इनमें बसपा सुप्रीमो मायावती को कठघरे में खड़ा किया गया था।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर ढेरों गंभीर आरोप लगाए थे। यह भी कहा था कि मायावती के पास अपराधियों का एक गिरोह है, जिसके जरिए वह कुछ भी कर सकती हैं और इसी के बाद जानमाल की फिक्र जताते हुए सिद्दकी ने सीएम से पहले भी सुरक्षा की मांग की थी।

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सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मायावती अपनी गलत नीतियों के कारण 2009 लोकसभा चुनाव, 2012 विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव हारीं। और उन्होंने मुसलमानों के ऊपर गलत आरोप लगाए।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी की योगी आदित्यनाथ के साथ इस मुलाकात के बाद कयास शुरू हो गए हैं कि वह भी और नेताओं की तरह बीजेपी का दामन थम सकते हैं। गौरतलब है कि पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले साल 22 जून को मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगते हुए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद मायावती ने मौर्य के आरोपों का जवाब देते उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया था। जिसके बाद मौर्य ने बीजेपी का दमन थामा चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री बने।

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