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नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी दूर करेगी कांग्रेस, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
अगले वर्ष होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी के चलते पार्टी नेताओं के बीच जारी मतभेद को खत्म करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं।
चंडीगढ़। अगले वर्ष होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी के चलते पार्टी नेताओं के बीच जारी मतभेद को खत्म करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी में काफी दिनों से हाशिए पर चल रहे अमृतसर पूर्व से कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। खबर है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को बुधवार को लंच के लिए अमंत्रित किया है। बताया जा रहा है कि सिसवां महल में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह के सााि लंच करेंगे। बता दें कि कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का मुख्यमंत्री के साथ यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों नेताओं ने 25 नवंबर को लंच के दौरान मुलाकात की थी।
हरीश रावत ने मतभेद खत्म करने की बनाई योजना
बताते चलें कि पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने बीते दिनों पंजाब दौरे के दौरान पार्टी नेताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना था। पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने पार्टी की तैयारियां को परखते हुए नेताओं के जारी आपसी मतभेद खत्म करने की रणनीति बनाई थी। इसी दौरे के दौरान हरीश रावत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में हरीश रावत और अमरिंदर सिंह के बीच नवजोत सिंह सिद्धू की पार्टी में भूमिका को लेकर गहन—मंथन हुआ था। बता दें कि प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू के साथ चर्चा की थी।
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नाराजगी के चलते सिद्धू ने मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई, 2019 में मुख्यमंत्री से नाराजगी के चलते मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अपना मंत्रालय बदले जाने से नवजोत सिंह सिद्धू नाराज चल रहे थे, जिसके चलते बाद में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। चूंकि अब पंजाब विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, ऐसे में पार्टी नेताओं के बीच मतभेद को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है। फिलहाल कृषि कानूनों के विरोध में किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ व्यप्त गुस्से का फायदा कांग्रेस को मिलने वाला है। ऐसे में पार्टी के सामने विपक्षी दलों को कड़ा और बड़ा सदेश देने का भरपूर मौका है।
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