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करिश्माई 'कमल': यूपी विधानसभा में घटकर आधी रह गई मुस्लिम विधायकों की संख्या

Rishi
Published on: 12 March 2017 3:34 AM GMT
करिश्माई कमल: यूपी विधानसभा में घटकर आधी रह गई मुस्लिम विधायकों की संख्या
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लखनऊ: यूपी विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या घटकर आधी से भी कम रह गई है। विधानसभा चुनाव 2012 में यूपी विधानसभा के इतिहास में सब से ज़्यादा 69 मुस्लिम विधायक चुने गए थे, जो पिछले मुस्लिम विधायकों की संख्या 56 से अधिक थी। लेकिन इस बार के चुनाव में मुस्लिम विधायकों की संख्या घट कर 27 रह गई है। इन में सब से ज़्यादा 18 विधायक समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। ये संख्या सपा के कुल जीते 47 विधायकों की संख्या में शामिल है। इसमें ख़ास बात ये भी है कि 100 मुस्लिम बहुल क्षेत्रों वाली सीटों में 75 सीट बीजेपी जीतने में कामयाब रही है। ख़ास बात ये भी है कि आज़ादी के बाद लगातार मुस्लिम प्रत्याशी की परंपरागत सीट मानी जाने वाली भोजीपुरा बरेली सीट पर भी बीजेपी का कब्ज़ा हो गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मंत्री अमरोहा से महबूब अली, मटेरा बहराइच से यासिर शाह, रामपुर से आज़म खान, संभल से इक़बाल महमूद के अलावा इसौली सुल्तानपुर से अबरार अहमद, कुंदरकी से मोहम्मद रिज़वान, कैराना से नाहिद हसन, गोपालपुर से नफीस अहमद, ठाकुरद्धारा से नवाबजान, चमरवा से नसीर खान, नजीबाबाद से तस्लीम अहमद, निज़ामाबाद से आलम बदी आज़मी, बिलारी से मोहम्मद फहीम, मुरादाबाद देहात से इकराम क़ुरैशी, स्वार से अब्दुल्लाह आज़म, श्रावस्ती से मोहम्मद रमज़ान, सीसामऊ से इरफ़ान सोलंकी, मेरठ शहर से रफ़ीक़ अंसारी, जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

बसपा के टिकट पर जीते कितने मुस्लिम ?

विधानसभा चुनाव में सब से ज़्यादा 100 मुसलमानो को टिकट देने वाली बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर धौलाना से असलम चौधरी, प्रतापपुर से मोहम्मद मुज्तबा, भिनगा से मोहम्मद असलम, मऊ से मुख्तार अंसारी और मुबारकपुर से गुड्डू जमाली बमुश्किल चुनाव जीत पाने में कामयाब रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर देहात से मसूद अख्तर और कानपुर कैंट से सोहेल अख्तर जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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