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Political News: पवार के बाद अब तेजस्वी ने भी माना कि कांग्रेस के बिना नहीं बन सकता कोई मोर्चा
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस 200 सीटों पर चुनाव खुद लड़े। साथ ही कहा कि क्षेत्रीय दलों की ताकत को मानते हुए कांग्रेस को बाकी सीटें क्षेत्रीय दलों की भूमिका के लिए छोड़ देनी चाहिए।
Political News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी एनडीए के खिलाफ वैकल्पिक मोर्चा बनाने में कांग्रेस की केंद्रीय भूमिका को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का आधार कांग्रेस को ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी क्षेत्रीय दलों की ताकत महसूस करनी चाहिए। कांग्रेस को केंद्रीय भूमिका निभाते हुए क्षेत्रीय दलों को भी इस मोर्चे में अग्रणी भूमिका सौंपनी चाहिए।
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भी हाल में कहा था कि एनडीए के खिलाफ देश में कोई भी वैकल्पिक मोर्चा कांग्रेस के बिना संभव नहीं है। कांग्रेस को छोड़कर मोर्चा बनाने की अटकलों को विराम देते हुए पवार ने स्पष्ट किया था कि वे कांग्रेस पार्टी को साथ लेकर ही चलेंगे और 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस को साथ लेकर ही वैकल्पिक मोर्चा बनाने की कोशिश की जाएगी।
समान विचारों वाले दल एक मंच पर आएं
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे नहीं पता कि पिछले दिनों एनसीपी के नेता शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि मैं बैठक में मौजूद नहीं था। इसलिए मुझे बैठक में की गई चर्चाओं के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि सभी समान विचारों वाले दलों को न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर एक साथ आना चाहिए ताकि दमनकारी और विभाजनकारी सरकार को चुनौती दी जा सके। उन्होंने कहा कि मेरे पिता लालू यादव ने 2014 के चुनाव के पहले ही चेतावनी दे दी थी कि यह चुनाव देश का भविष्य तय करेगा और उनकी बात पूरी तरह सही साबित हुई। देश में 2014 के बाद जिस तरह की राजनीति की जा रही है वह सबके सामने है। मौजूदा समय में विभिन्न दलों की एकजुटता पहले से भी अधिक महसूस की जा रही है।
कांग्रेश की नहीं की जा सकती अनदेखी
राजद नेता ने कहा कि कांग्रेस की अनदेखी करके एनडीए के खिलाफ कोई राष्ट्रीय गठबंधन नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसकी मौजूदगी पूरे देश में है। ऐसे में कांग्रेस को ही धुरी बनाकर एनडीए के खिलाफ राष्ट्रीय गठबंधन तैयार किया जाना चाहिए। इस राष्ट्रीय गठबंधन में कांग्रेस को भी क्षेत्रीय दलों की ताकत को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में 200 से अधिक लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला होता है और कांग्रेस को इन्हीं सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्षेत्रीय दलों की ताकत को मानते हुए कांग्रेस को बाकी सीटें क्षेत्रीय दलों की भूमिका के लिए छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी स्वीकार करनी होगी।
पवार का भी कांग्रेस को साथ लेने पर जोर
तेजस्वी यादव से पहले एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा था कि यदि एनडीए के खिलाफ कोई वैकल्पिक मोर्चा बनता है तो उसमें कांग्रेस को भी जरूर साथ लेना होगा। उन्होंने अपने आवास पर भी राष्ट्र मंच की बैठक के बारे में भी स्पष्ट किया था कि उसमें वैकल्पिक मोर्चा बनाने के संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई। वैकल्पिक गठबंधन का चेहरा होने के संबंध में सवाल पूछे जाने पर पवार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अभी तक हमने इस बात को लेकर कोई चर्चा नहीं की है, लेकिन मुझे लगता है कि वैकल्पिक गठबंधन को सामूहिक नेतृत्व के साथ ही आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि अभी हमें सबको साथ रखकर काम करना होगा और गठबंधन की मजबूती के लिए ऐसा करना जरूरी भी है।
गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका अहम
शिवसेना नेता संजय राउत का भी कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए के खिलाफ बनाया जाने वाला कोई भी गठबंधन कांग्रेस के बगैर अधूरा ही साबित होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ गठबंधन में कांग्रेस की अहम भूमिका होगी और यह मोदी सरकार के खिलाफ एक मजबूत विकल्प साबित होगा। राउत ने कहा कि भाजपा के खिलाफ किसी तीसरे या अन्य मोर्चे की जरूरत नहीं है।