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Vikramjeet Singh Sahani Wiki in Hindi: सामाजिक और सामुदायिक मुद्दों के प्रति बेहद संवेदनशील और पंजाब के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, विक्रमजीत सिंह साहनी
Vikramjeet Singh Sahani Biography in Hindi: आज हम आपको आम आदमी पार्टी के सदस्य के रूप में पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं विक्रमजीत सिंह साहनी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
Politician Vikramjeet Singh Sahani Biography (Image Credit-Social Media)
Vikramjeet Singh Sahani Biography in Hindi: विक्रमजीत सिंह साहनी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो आम आदमी पार्टी के सदस्य के रूप में पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें 2022 में राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था। साहनी को उनके सामाजिक कार्यों और सिख समुदाय के प्रति योगदान के लिए 2023 में ’सिख ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सांसद के रूप में, साहनी ने पंजाब के विकास और सिख समुदाय के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने संसद में बंदी सिखों की रिहाई की मांग उठाई, जो कई वर्षों से जेल में बंद हैं। विक्रमजीत साहनी एक सच्चे दूरदर्शी, बहुमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं, जो कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं बखूबी निभाते हैं। वह एक ताकत हैं, सिर्फ़ इसलिए नहीं कि वह एक स्व-निर्मित व्यक्ति हैं बल्कि उन्होंने कड़ी मेहनत से जमीनी स्तर से उठकर सफलता हासिल की है। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने दम पर आगे बढ़े हैं। विक्रमजीत साहनी विश्व पंजाबी संगठन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष हैं , जिसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक बंधन को बढ़ावा देना है। यह संगठन 22 देशों में कार्यरत है। पंजाब से राज्यसभा सदस्य होने के साथ साहनी एक भारतीय उद्यमी , शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। साहनी को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल द्वारा पद्मश्री सम्मान और मॉरीशस के राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ द्वारा नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
उन्हें सामाजिक कार्यों में उनके योगदान के लिए चुना गया है। इनके द्वार विभिन्न प्रकार की सामाजिक सेवा एवं समाज के उत्थान के लिए एनएसडीसी द्वारा मान्यता प्राप्त सन फाउंडेशन का संचालन किया जाता है, जिसकी मुख्य परियोजनाओं में सूर्य किरण - वंचित महिलाओं और लड़कियों को मुफ्त व्यावसायिक और कौशल विकास प्रशिक्षण; बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, जागरूकता अभियानों और सार्वजनिक हित संदेशों के माध्यम से लिंग भेदभाव और कन्या भ्रूण हत्या के बारे में मजबूत चिंता व्यक्त करना; अमृतसर, तरन तारन और जालंधर में सरकारी नशा पुनर्वास केंद्र चलाना; तारे ज़मीन पर - विकलांग जरूरतमंद युवाओं के लिए मुफ्त कौशल विकास केंद्र; वंचित बच्चों को छात्रवृत्ति; स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुंबई में शिवकरवाड़ी और सुविधा चॉल को गोद लेना; गरीब विधवाओं के बच्चों, युद्ध पीड़ितों, विदर्भ में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों और सुनामी जैसी राष्ट्रीय आपदाओं के लिए सहायता प्रदान करना; गुरुद्वारा बंगला साहिब में सिख हेरिटेज मल्टीमीडिया संग्रहालय जैसी विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है। आईसीसी पेरिस-भारत के पूर्व अध्यक्ष के रूप में श्री साहनी का प्रयास रिश्तों को सक्षम और मजबूत बनाना रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय नीति परिदृश्य को दिया आकार
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व मानद महावाणिज्यदूत के रूप में, श्री साहनी ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वाणिज्यिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों के विकास और दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की ओर अपनी कुशल कूटनीतिज्ञ क्षमता का उदाहरण पेश किया।
ब्रिक्स कृषि व्यवसाय मंच के अध्यक्ष के रूप में, श्री साहनी ने सभी ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष टिप्पणियां कीं और प्रस्तुति दी, जिसमें वैश्विक खाद्य संकट से निपटने, वैश्विक आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा पर पहल करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। सभी के लिए शांति, समृद्धि और अवसर सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर में व्यापार को बढ़ावा देने का काम किया। वह संयुक्त राष्ट्र (यूएन), डब्ल्यूटीओ और अन्य बहुपक्षीय संगठनों के साथ निरंतर गहन जुड़ाव के माध्यम से आईसीसी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि दुनिया भर में अपने सदस्यों की ओर से अंतर्राष्ट्रीय नीति परिदृश्य को आकार दिया जा सके।
विक्रमजीत सिंह साहनी ने इंटरनेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) पेरिस-भारत के पूर्व अध्यक्ष के रूप में भारत और वैश्विक व्यापारिक समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनका मुख्य प्रयास भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना रहा है। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंचों पर भारतीय उद्योगों के हितों का प्रतिनिधित्व किया और भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने की दिशा में कार्य किया। उनके नेतृत्व में, आईसीसी पेरिस-भारत ने भारतीय व्यापारियों और उद्यमियों के लिए नए अवसरों को सक्षम करने में मदद की। इसके अलावा, साहनी सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रति भी समर्पित हैं। उन्होंने कई मानवीय और व्यापार-संबंधी पहलों में योगदान दिया, जिनका उद्देश्य भारत की वैश्विक उपस्थिति को सशक्त बनाना है।
व्यक्तिगत जीवन
पंजाब के कोटकपूरा नामक एक छोटे से कस्बे में जन्मे श्री साहनी एक स्व-निर्मित व्यक्ति हैं इनका जन्म 20 फरवरी, 1962
कोटकपुरा , फरीदकोट जिला , पंजाब में बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से हुआ था। उन्होंने एक साधारण सरकारी स्कूल, सरकारी बरजिन्द्रा कॉलेज फरीदकोट और पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला से शिक्षा प्राप्त की और एक प्रसिद्ध वैश्विक पंजाबी, परोपकारी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उभरे।
विश्व पंजाबी संगठन की स्थापना
विक्रम साहनी विश्व पंजाबी संगठन (डब्लूपीओ) के संस्थापक और अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। यह एक गैर-राजनीतिक संगठन है जिसकी स्थापना 1998 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल ने की थी। इसका उद्देश्य विशाल पंजाबी एन.आर.आई. समुदाय को भारत की मुख्यधारा से जोड़ना और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है। जिसके अंतर्गत श्री साहनी ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का आरंभ किया -
एनआरआई समुदाय को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए सार्थक प्रयास
श्री साहनी की सामाजिक-सांस्कृतिक रुचियां बहुत दूरगामी हैं। उन्होंने भारतीय मूल के सांसदों के लिए विश्व मंच की शुरुआत की है, जिसके सदस्य दुनिया भर के 50 से ज़्यादा सांसद हैं। उन्होंने एनआरआई समुदाय को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दुबई, लंदन, न्यूयॉर्क, थाईलैंड, सिंगापुर में विश्व पंजाबी सम्मेलन आयोजित किए। उन्होंने खालसा के 300 साल पूरे होने और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें जन्मदिन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न समारोहों के ज़रिए मनाया।
खालसा, शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह, गुरु मानेओ ग्रंथ, सरबंसदानी गुरु गोबिंद सिंह जी की तीन सौवीं जयंती पर मेगा लाइट एंड साउंड शो - ‘बोले सो निहाल’ का निर्माण और मंचन किया गया। इन शो ने महान गुरुओं के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और शांति और सद्भाव के संदेश का प्रचार करने के लिए पूरी दुनिया की यात्रा की।
करी सिख विरासत संग्रहालय की स्थापना
श्री साहनी ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में बाबा बगेल सिंह सिख हेरिटेज मल्टीमीडिया संग्रहालय भी स्थापित किया है, जिसमें सिख संस्कृति के समृद्ध इतिहास और इस बहादुर समुदाय द्वारा अपनी मातृभूमि के लिए किए गए बलिदानों को दर्शाया गया है। इस संग्रहालय का उद्घाटन वित्त रहे मंत्री अरुण जेटली ने किया था और मात्र 3 वर्षों में 25 लाख से अधिक आगंतुक इसे देखने आ चुके हैं।
वह गुरु तेग बहादुर मल्टीमीडिया ऑडिटोरियम के संस्थापक हैं और संसद भवन के पास रकाबगंज गुरुद्वारा में गुरु तेग बहादुर जी की जीवन गाथा पर आधारित पहली होलोग्राफिक शो का आयोजन करते हैं।उन्होंने संसद भवन में शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की घुड़सवार प्रतिमा स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कोरोना की लहर में बने देवदूत
करोना की भीषण कहर के दौरान साहनी देवदूत बनकर सामने आए। एक ओर जहां स्थानीय गुरुद्वारों, स्वर्ण मंदिर अमृतसर, विभिन्न रेड क्रॉस सोसायटियों और जिला प्रशासकों के सहयोग से पूरे पंजाब में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक स्थापित किए जा रहें थे वहीं विक्रमजीत सिंह साहनी ने कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान वंचितों और बेसहारा लोगों को ऑक्सीजन प्लांट, ईसीएमओ मशीन, 1000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 2000 ऑक्सीजन सिलेंडर पंजाब के विभिन्न जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में दान करके अनुकरणीय सेवा प्रदान की।
उन्होंने दिल्ली के गुरुद्वारा रकाब गंज में 400 बेड का कोविड केयर सेंटर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 400 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निःशुल्क उपलब्ध कराए। पंजाब के कई जिलों और विभिन्न कोविड केयर कैंपों को 500 अतिरिक्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान किए।
युवाओं के लिए बढ़े रोजी और रोजगार के अवसर
साहनी ने अपने एनजीओ को सन फाउंडेशन के माध्यम से एक मानवीय और अधिक समतामूलक समाज बनाने की यात्रा पर लगाया है, जिसके तहत उन्होंने अक्षम लोगों तक पहुंच बनाई है और समाज के कम सुविधा प्राप्त वर्ग को सहायता प्रदान की है। सन फाउंडेशन ने आईटीआई कैंपस, जेल रोड, नई दिल्ली और अमृतसर में विश्व स्तरीय कौशल केंद्र स्थापित किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ ये बहु कौशल केंद्र, उद्योग द्वारा समर्थित भारतीय/वैश्विक आवश्यकताओं के लिए विश्व स्तरीय कौशल पाठ्यक्रम निःशुल्क प्रदान करते हैं। केंद्र प्रति वर्ष 2000 से अधिक छात्रों को कौशल प्रदान कर रहे हैं। इन केंद्रों में कुशल युवाओं को पाठ्यक्रम पूरा करने के तुरंत बाद नौकरी पत्र दिया जाता है। अफगान शरणार्थियों की निकासी और पुनर्वास साहनी ने अकेले ही 500 से अधिक अफगानी हिंदुओं और सिखों को निकालने के लिए अपने खर्च पर 3 चार्टर्ड उड़ानें काबुल भेजीं। उन्होंने उनके घरेलू खर्च और चिकित्सा स्वास्थ्य बीमा का भुगतान करके पश्चिमी दिल्ली में उनके पुनर्वास के लिए ‘मेरा परिवार मेरी ज़िम्मेदारी’
युवाओं के लिए नशा मुक्ति और पुनर्वास का संचालन
साहनी ने पंजाब में बढ़ते नशे के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान चलाया जिसमें अमृतसर में 10,000 युवाओं ने ‘नशे को नकार’ कहकर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ शपथ ली। साहनी पंजाब के अमृतसर में स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य पंजाबी युवाओं को नशामुक्ति और पुनर्वास प्रदान करना है। जहां युवाओं को योग, संगीत, खेलकूद, जिम और नैतिक शिक्षा के अलावा आजीविका कमाने के लिए सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है।
सूफी गायिकी में पारंगत हैं साहनी
साहनी एक भावुक सूफी गायक हैं और उनके नाम 50 से अधिक सूफी और भक्ति गीत हैं, जिन्हें हर्षदीप कौर, नूरां बहनों, प्रसिद्ध महान गायिका रेशमा की बेटी जैसे प्रसिद्ध बॉलीवुड गायकों के साथ गाया गया है, जो मानव जाति के बीच प्रेम और स्नेह का संदेश फैलाने के साथ समृद्ध संस्कृति और विरासत की खूबसूरती को पूरी दुनिया में उजागर कर रहें हैं।
पुरस्कार एवं सम्मान
- साहनी को नई दिल्ली में मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार।
- साहनी को समाज के कल्याण के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं भारतीय राजदूत हरदीप पुरी द्वारा नेतृत्व पुरस्कार, महिला उत्थान के लिए राजा राम मोहन राय पुरस्कार, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार, मदर इंडिया इंटरनेशनल पुरस्कार, भारत सामुदायिक सेवा पुरस्कार, सर एडमंड हिलेरी द्वारा मोमेंटो तथा ऐसे कई अन्य पुरस्कार उनकी झोली में गिर चुके हैं और बड़े मंचों पर इन्हें अनगिनत बार सम्मानित किया जा चुका है।
साहनी ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों जैसे ब्रिक्स, आईबीएसए यानी भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका, सार्क, बिम्सटेक, भारत-अरब आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया। साहनी अंतर-धार्मिक और सार्वभौमिक भाईचारे के समर्थक रहे हैं और इस उद्देश्य से उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात, लंदन और भारत में कई समारोहों की मेजबानी की है।
इसके अतिरिक्त, साहनी ने पंजाब के सभी सांसदों से पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर राज्य के हित में एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने पंजाबी किसानों की समस्याओं और ग्रामीण विकास के लिए आवश्यक निधियों की कमी जैसे मुद्दों पर जोर दिया। साहनी की राजनीतिक छवि एक समर्पित और सक्रिय नेता की है, जो सामाजिक और सामुदायिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और पंजाब के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
राजनीतिक उपलब्धियां
साहनी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के बोर्ड में रहे हैं; पूर्व ट्रस्टी इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन, वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार, सदस्य व्यापार बोर्ड, भारत सरकार, सदस्य भारत-यूएई संयुक्त कार्य बल, बोर्ड सदस्य - मुंतजात (कतर सरकार) भारत, बोर्ड सदस्य - फिक्की और एसोचेम, अध्यक्ष - भारत अफ्रीका व्यापार मंच, अध्यक्ष - भारत-अरब परिषद, महासचिव - महाराजा रणजीत सिंह ट्रस्ट।