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Prabhu Bhai Nagarbhai Vasav: समाज सेवा और राजनीति के प्रति समर्पण का प्रतीक है प्रभु भाई नगरभाई वासव का जीवन

Prabhu Bhai Nagarbhai Vasav Wikipedia in Hindi: प्रभु भाई नगरभाई वासव गुजरात के सूरत जिले के कोलखाड़ी गांव के एक प्रमुख राजनेता हैं...

Jyotsna Singh
Published on: 1 March 2025 12:42 PM IST
Prabhu Bhai Nagarbhai Vasav Wikipedia in Hindi
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Prabhu Bhai Nagarbhai Vasav Wikipedia in Hindi

Prabhu Bhai Nagarbhai Vasav Wiki in Hindi: प्रभु भाई नगरभाई वासव की राजनीतिक छवि एक मेहनती, ज़मीनी और जनजातीय समुदाय के सशक्त नेता के रूप में रही है। उन्होंने कांग्रेस से भाजपा तक अपनी यात्रा में जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी और किसानों, आदिवासियों और ग्रामीण समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कार्य किया। उनकी स्वच्छ छवि, अनुशासन और भाजपा में प्रभावी भूमिका ने उन्हें गुजरात के प्रमुख आदिवासी नेताओं में स्थान दिलाया है।

प्रभु भाई नगरभाई वासव का निजी जीवन (Prabhu Bhai Nagarbhai Ka Jivan Parichay)

प्रभु भाई नगरभाई वासव का विवाह पन्नाबेन पी. वासव से हुआ है, और उनके दो संतानें —एक पुत्र और एक पुत्री है।अपने परिवार के साथ, वे कोलखाड़ी गांव में निवास करते हैं और अपने समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं।

प्रभु भाई नगरभाई वासव का जन्म 1 मार्च 1970 को नगरभाई डी. वासव और बाजूबेन एन. वासव के परिवार में हुआ। अपने प्रारंभिक जीवन में, उन्होंने कृषि और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई, विशेषकर जनजातीय और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए।

शिक्षा और प्रारंभिक करियर (Prabhu Bhai Nagarbhai Ka Career)

प्रभु भाई ने अपनी शिक्षा के बाद कृषिविद् के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह एक कृषिविद् थे। वह जनजातियों और समाज के कमजोर वर्गों के सुधार के लिए काम करना पसंद करते हैं।.कृषि के क्षेत्र में उनके ज्ञान और अनुभव ने उन्हें समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर किसानों और जनजातीय समुदायों के बीच लोकप्रिय बनाया। उन्होंने बागवानी में विशेष रुचि ली और इस क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहित किया।

राजनीतिक सफर (Prabhi Bhai Nagarbhai Political Career)

प्रभु भाई का राजनीतिक सफर 2007 में शुरू हुआ, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सोनगढ़ विधानसभा सीट से गुजरात विधान सभा का चुनाव लड़ा और भाजपा के चौधरी विजयभाई नरवनभाई को पराजित किया। इस जीत ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

2012 में, उन्होंने मांडवी विधानसभा सीट से पुनः चुनाव लड़ा और भाजपा की वासव हेमलताबेन महेशभाई को हराया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने विधानसभा में जनजातीय और कृषि से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और उनके समाधान के लिए प्रयासरत रहे।

फरवरी 2014 में, प्रभु भाई ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का निर्णय लिया। यह कदम उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। मई 2014 में, उन्होंने बारडोली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस के चौधरी तुषारभाई नरसिंहभाई को पराजित किया। इस जीत ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

संसदीय भूमिकाएं और समितियां

संसद सदस्य के रूप में, प्रभु भाई ने विभिन्न समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई। 1 सितंबर 2014 को, उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। इसके साथ ही, वे सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति के सदस्य भी बने। 2014 से 2016 तक, उन्होंने खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में, उन्होंने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। 18 अक्टूबर 2016 को, उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण और वन पर स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। इस समिति में, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

सामाजिक और संगठनात्मक भूमिकाएं

राजनीतिक जिम्मेदारियों के अलावा, प्रभु भाई ने विभिन्न सामाजिक और सहकारी संगठनों में नेतृत्व की भूमिकाएं निभाई हैं। वे कृषि उत्पादन बाजार समिति, मांडवी के अध्यक्ष रहे हैं, जहां उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा और कृषि उत्पादों के उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया। इसके अलावा, वे श्री नवचेतन केलवानी मंडल, साथव्व के अध्यक्ष भी रहे हैं, जो शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में सक्रिय है। उनकी अध्यक्षता में, इस संगठन ने शिक्षा के प्रसार और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई पहल की हैं। सूरत जिला सहकारी बैंक लिमिटेड के निदेशक के रूप में, उन्होंने बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही, सूरत जिला जंगल संघ, पन्यारी, सूरत के निदेशक के रूप में, उन्होंने वन संरक्षण और वनवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य किया है।

व्यक्तिगत रुचियां और शौक

कृषि के प्रति गहरी रुचि रखने वाले प्रभु भाई विशेषकर बागवानी में सक्रिय हैं। संगीत सुनना, क्रिकेट और वॉलीबॉल खेलना उनके प्रमुख शौक हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से, वे अपने व्यस्त राजनीतिक जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं और समाज के विभिन्न वर्गों के साथ जुड़ाव बनाए रखते हैं।

प्रभु भाई नगरभाई वासव का जीवन समाज सेवा, कृषि और राजनीति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने जनजातीय और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अपने प्रयासों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता, संगठनात्मक कौशल और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें गुजरात और राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

प्रभु भाई वासव को गुजरात के जनजातीय (आदिवासी) समुदाय के एक मजबूत प्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आदिवासी अधिकारों, शिक्षा, कृषि सुधार और बुनियादी सुविधाओं को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की है। भाजपा में शामिल होने के बाद भी उन्होंने जनजातीय मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया और उनकी राजनीतिक छवि आदिवासी समुदाय के समर्थक के रूप में बनी रही।



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