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Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने कसा कांग्रेस पर तंज, पार्टी के लोग खुद को समझते हैं सबसे बड़ा ज्ञानी
Prashant Kishor Statement: अब प्रशांत किशोर ने एक अंग्रेजी अखबार के ई-अड्डा कार्यक्रम में कांग्रेस को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं।
Prashant Kishor Statement: कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं खत्म होने के बाद अब चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी समझते हैं। उन्हें लगता है की जब लोग नाराज होंगे तो खुद सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और उनकी सत्ता में वापसी हो जाएगी। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस ने लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगा है और उसे विपक्ष में रहना ही नहीं आता। प्रशांत किशोर की पिछले दिनों कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई दौर की बातचीत हुई थी और उनकी कांग्रेस में एंट्री की संभावनाएं जताई जा रही थीं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए थे मगर आखिरकार पीके के कांग्रेस के साथ जाने की संभावनाओं पर विराम लग गया था। इसकी जानकारी खुद पीके ने अपने ट्वीट में दी थी।
विपक्षी दल के रूप में काम करना नहीं आता
अब प्रशांत किशोर ने एक अंग्रेजी अखबार के ई-अड्डा कार्यक्रम में कांग्रेस को लेकर कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भले ही कांग्रेस देश के मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही हो मगर पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रही है। इस कारण उसे विपक्षी दल के रूप में काम करना ही नहीं आता। कांग्रेस को विपक्षी दल के रूप में काम करने के तौर तरीके सीखने होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता मीडिया में कवरेज न किए जाने की शिकायत करके अपना बचाव नहीं कर सकते। कांग्रेस नेताओं को लगता है कि जब नाराज लोग सरकार को सत्ता से बेदखल करेंगे तो उन्हें एक बार फिर सत्ता में आने का बड़ा मौका मिल जाएगा। लंबे समय तक सत्तारूढ़ दल के रूप में काम करने के कारण कांग्रेस नेताओं को लगता है कि उन्हें हर चीज की जानकारी है।
अकेला दल नहीं कर सकता भाजपा का मुकाबला
कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने भाजपा की ताकत भी बताई। उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा सियासी हालात में कोई एक राजनीतिक दल भाजपा का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहा है। अपने तर्क को मजबूती देने के लिए उन्होंने आजादी के बाद 1990 तक कांग्रेस की ताकत का उदाहरण दिया। पीके ने कहा कि उस दौर में कोई एक दल कांग्रेस को अकेले दम पर चुनौती देने की स्थिति में नहीं था और वैसी ही स्थिति अब बन गई है। अंतर सिर्फ एक है कि अब वह ताकत कांग्रेस की जगह भाजपा ने जुटा ली है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह कांग्रेस को चुनौती देने में लंबा वक्त लगा था, उसी तरह भाजपा भी लंबे समय तक ताकतवर बनी रह सकती है। मौजूदा हालात में उसे अकेले दम पर नहीं बल्कि मिल जुलकर ही चुनौती दी जा सकती है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ पिछले दिनों बातचीत के दौरान भी प्रशांत किशोर ने विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने का सुझाव दिया था। उस समय भी उनका कहना था कि ऐसा कदम उठाकर ही भाजपा को चुनौती दी जा सकती है।
लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस
प्रशांत किशोर ने कहा कि मौजूदा समय में किसी भी राजनीतिक दल को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि वह अपने बल पर भाजपा को चुनाव चुनौती देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि देश में 1984 में हुए लोकसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस लगातार कमजोर हुई है। इसके बाद कांग्रेस कभी भी अकेले दम पर सरकार बनाने में कामयाब नहीं हुई। 2004 में पार्टी ने मनमोहन सिंह की अगुवाई में सरकार जरूर बनाई थी मगर उस समय पार्टी को सिर्फ 145 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
चुनाव रणनीति बनाने में माहिर माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस के वोट शेयर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वह अपने पुराने वोट बैंक पर कब्जा करने में कामयाब होती नहीं दिख रही। पार्टी को एक नया नैरेटिव तैयार करने के बाद ही मजबूती मिल सकती है। उन्होंने कि शाहीनबाग और किसान आंदोलन जैसे धरनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही मामलों में कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं था, लेकिन मुद्दों के आधार पर लोगों ने एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत दिखा दी। तीन नए कृषि कानूनों को किसानों के संघर्ष के कारण ही वापस लेना पड़ा।