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डरपोक नेताओं की कांग्रेस को जरूरत नहीं, आखिर क्या है राहुल के बयान का सियासी मतलब, किस पर साधा निशाना
Rahul Gandhi Statement: राहुल के बयान को पार्टी के असंतुष्टों के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है। हाल के दिनों में कांग्रेस में कई राज्यों में आंतरिक कलह की स्थिति दिख रही है।
Rahul Gandhi Statement: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा है कि पार्टी को निडर लोगों की जरूरत है डरपोकों (Afraid Congressmen) की नहीं। हाल के दिनों में पार्टी में बढ़ते असंतोष के बीच कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी में जो डरपोक लोग हैं, वे आरएसएस (RSS) के आदमी हैं और ऐसे लोगों को कांग्रेस (Left Congress) छोड़कर चले जाना चाहिए। पार्टी को ऐसे लोगों की तनिक भी जरूरत नहीं है।
पार्टी के सोशल मीडिया सेल के वॉलंटियर्स के साथ बैठक के दौरान कांग्रेस नेता ने यह बेबाक बयान दिया। राहुल गांधी के बयान के बाद इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उनके बयान की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि हाल के दिनों में कांग्रेस में असंतुष्टों की गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि अपने इस बयान के जरिए राहुल गांधी ने असंतुष्ट नेताओं को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
भाजपा से डरने वाले पार्टी छोड़ दें
बैठक में राहुल गांधी बेबाक अंदाज में दिखे और उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी छोड़ देनी चाहिए जो भाजपा से डरे हुए हैं। हमें ऐसे लोगों की कतई जरूरत नहीं है जो आरएसएस की सोच में विश्वास रखते हैं। हमें संघर्ष करने वाले लोगों की आवश्यकता है। कई ऐसे निडर लोग हैं जो कांग्रेस में नहीं है और ऐसे लोगों को पार्टी में आना चाहिए और जो डरपोक लोग हैं उन्हें पार्टी से अलग हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा सिद्धांत है कि निडर लोगों के दम पर ही संघर्ष किया जा सकता है। पार्टी में जो लोग डरे हुए थे वे ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह पार्टी छोड़कर चले गए। राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें अपना घर बचाना था और वे डर गए थे। इसलिए उन्होंने आरएसएस ज्वाइन कर लिया। सच्चाई तो यह है कि हमें ऐसे लोगों की कोई जरूरत ही नहीं है। हमारा संदेश पूरी तरह साफ है कि हमें संघर्ष करने वाले निडर लोगों की आवश्यकता है।
राहुल ने कहा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो किसी से डर नहीं रहे मगर कांग्रेस के बाहर हैं। ऐसे लोगों को पार्टी में लाने की जरूरत है क्योंकि निडर लोगों में ही संघर्ष की ताकत होती है।
असंतुष्ट नेताओं को बड़ा संदेश
राहुल के इस बयान को पार्टी के असंतुष्टों के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है। हाल के दिनों में कांग्रेस में कई राज्यों में आंतरिक कलह की स्थिति दिख रही है। खास तौर पर राजस्थान और पंजाब में पार्टी गंभीर आंतरिक कलह से जूझ रही है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच संघर्ष छिड़ा हुआ है जबकि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक दूसरे पर वार-पलटवार करने में जुटे हुए हैं।
इसके साथ ही असंतुष्ट नेताओं का समूह जी 23 भी सक्रिय बना हुआ है। इस ग्रुप से जुड़े नेताओं के बीच-बीच में कांग्रेस से अलग होने की अफवाहें उड़ती रहती हैं। माना जा रहा है कि अपने संबोधन के जरिए राहुल ने असंतुष्ट नेताओं पर निशाना साधा है और उन्हें संदेश दिया है कि या तो वे पार्टी में रहकर संघर्ष करें नहीं तो पार्टी छोड़कर चले जाएं।
सिंधिया और जितिन प्रसाद ने दिया था बड़ा झटका
जी 23 से जुड़े एक महत्वपूर्ण नेता जितिन प्रसाद ने हाल में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। सिंधिया और जितिन प्रसाद को कभी राहुल गांधी का काफी करीबी माना जाता था मगर इन दोनों नेताओं ने भाजपा का दामन थामने से परहेज नहीं किया। सिंधिया के पार्टी छोड़ने से तो कांग्रेस को मध्यप्रदेश में जबर्दस्त झटका लगा था और कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।
सिंधिया की अगुवाई में कई विधायकों के पार्टी छोड़ने से मध्य प्रदेश में भाजपा अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गई। सिंधिया के खिलाफ कुछ भी बोलने से राहुल अभी तक परहेज करते रहे हैं। उन्होंने सिर्फ एक बार सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा था कि यदि वे कांग्रेस में रहते तो एक दिन मुख्यमंत्री जरूर बनते मगर अब भाजपा में जाकर वे बैकबेंचर बनने को मजबूर हैं।
नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों से राहुल खफा
सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी ने ऐसे नेताओं पर निशाना साधा है जो पार्टी में रहकर नेतृत्व पर सवाल उठाते रहते हैं और जिनकी वजह से पार्टी में आंतरिक कलह लगातार बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि राहुल का बयान मीडिया में सुर्खियां बन गया। हालांकि पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की ओर से अभी तक इस बयान को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है मगर माना जा रहा है कि राहुल ने उन्हें ही निशाना बनाने की कोशिश की है।