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वसुंधरा राजे की कामयाबियां, जानिए राजघराने की बेटी ऐसे बनी दमदार महिला नेत्री
वसुन्धरा राजे एक ऐसी सशक्त महिला हैं, जिसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि शाही परिवार है तो वहीं मौजूदा समय पर उन्होंने खुद अपनी पहचान देश की दमदार महिला नेत्री के तौर पर बना दी है।
लखनऊः वसुन्धरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) का आज जन्मदिन (Birthday) है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारत की एक दमदार महिला का जन्मदिन होना आज के दिन और खास बनाता है। वसुन्धरा राजे एक ऐसी सशक्त महिला हैं, जिसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि शाही परिवार है तो वहीं मौजूदा समय पर उन्होंने खुद अपनी पहचान देश की दमदार महिला नेत्री के तौर पर बना दी है। वर्तमान में वसुन्धरा राजे बीजेपी (BJP) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
वसुन्धरा राजे का पारिवारिक जीवन
दरअसल, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे का जन्म 8 मार्च 1953 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम जीवाजी राव सिंधिया (Jiwajirao Scindia) और मां विजया राजे सिंधिया (Vijaya Raje Scindia) थी। ग्वालियर राजघराने में जन्म लेने वाली वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर के जाट राज परिवार में हुई।
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वसुंधरा का राजनीतिक सफर
राजनीति मे वसुन्धरा राजे एक बड़ा नाम हैं। वसुन्धरा राजे ने 1984 में मध्य प्रदेश के भिंड क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा। पहले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने का बाद भी वसुन्धरा रूकी नहीं, बल्कि जल्द ही भाजपा युवा मोर्चा में राजस्थान की प्रदेश उपाध्यक्ष बन गईं। बाद में वसुंधरा राजे ने 1985 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीत कर धौलपुर विधानसभा सीट से विधायक बनीं।
इसके बाद उन्हे मौका मिला 1998-99 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार में, जब वसुन्धरा राजे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुईं। इसके बाद 2003 से लगातार वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव जीतती आ रही हैं।
वसुंधरा राजे की उपलब्धियां
वसुंधरा राजे अब तक पांच बार सांसद रहीं और पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं। दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं। साल 2003 में राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने वाली वसुन्धरा राजे ही थीं। इससे पहले उन्होने केंद्र में विदेश राज्य मंत्री और एमएसएमई मंत्रालय में भी कामकाज संभाला।
राजस्थान भाजपा का लोकप्रिय चेहरा वसुन्धरा राजे
वसुंधरा राजे राजनीति की जमीनी खिलाड़ी हैं और किसी भी बाजी में हारना उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने भाजपा को परंपरागत शहरी पार्टी की छवि से बाहर निकालकर गांव-ढाणी तक पहुंचाया। ब्राह्मïण-बनियों की पार्टी से आगे ओबीसी और एससी-एसटी तक ले गयीं। इसी ने कांग्रेस के वोटों के गणित को बिगाड़ डाला। आज वो राजस्थान भाजपा की एकछत्र नेता और जनता में पार्टी का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं।