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राजीव गांधी के भारत रत्न को वापस लेने पर सियासत शुरू, अलका लांबा बर्खास्त
नई दिल्ली: एक बार फिर दिल्ली सरकार यानि आम आदमी पार्टी में घमासान छिड़ गया है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भारत रत्न सम्मान को वापस लेने के प्रस्ताव की बात आप विधायक अलका लांबा ने हाल ही में की थी। मगर अब इस मामले में एक नया ट्विस्ट आ गया है। ख़बरों के अनुसार, अलका लांबा ने इस्तीफा दे दिया है।
सोमनाथ भारती पर भी कार्रवाई होने की संभावना
यही नहीं, अलका के अलावा विधायक सोमनाथ भारती पर भी कार्रवाई होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें, आम आदमी पार्टी के लिए शुक्रवार का दिन भारी साबित हुआ। दिल्ली विधानसभा में तिलक नगर से आप विधायक जनरैल सिंह राजीव गांधी के भारत रत्न सम्मान को वापस लेने के प्रस्ताव को पास करवाना चाहते थे। इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई थीं।
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मगर लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी कांग्रेस से बातचीत कर रही है। ऐसे में वह कांग्रेस को खफा नहीं करना चाहती थी। मुख्य वजह यही है कि राजीव गांधी के भारत रत्न सम्मान को वापस लेने की बात को आप ने आखिरी समय में प्रस्ताव में से हटा दिया।
जरनैल सिंह प्रस्ताव पास कराना चाहते थे
बता दें, इस मामले में आप विधायक जरनैल सिंह की तरफ से पेश संकल्प में कहा गया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 84 के कत्लेआम का औचित्य साबित करने की कोशिश की थी। लिहाजा केंद्र सरकार को उनका भारत रत्न वापस लेना चाहिए। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि राजीव गांधी ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान किया है।
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लेकिन इस प्रस्ताव से आम आदमी पार्टी का असली रंग खुलकर सामने आ गया है।माकन ने कहा कि हम हमेशा से यह बात कहते रहे हैं कि आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट करके मामले पर सफाई दी।
प्रस्ताव पास नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत तौर पर पेश किया गया प्रस्ताव था, जिसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में स्वर्गीय राजीव गांधी के बारे में कुछ नहीं लिखा था। एक विधायक ने इस पर अपने हाथ से कुछ लिखकर दिया था।
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उधर, अलका लांबा से पार्टी ने इस्तीफे की मांग की है। उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनसे कई वजहों से पार्टी असहज महसूस कर रही थी। वहीं, अलका ने इस मुद्दे पर भी पार्टी से अपना एक अलग रुख अपनाया, जिसकी वजह से उनसे इस्तीफा मांगा गया है।