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अब्दुल्ला बोले- भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का मसला कोर्ट के बाहर बातचीत से हल होना चाहिए। भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं है, वो तो पूरी दुनिया के हैं। अब्दुल्ला ने कहा, अयोध्या मु्ददे पर सभी पक्षों को मेज पर बैठकर इसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए।
नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का मसला कोर्ट के बाहर बातचीत से हल होना चाहिए। भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं है, वो तो पूरी दुनिया के हैं।
अब्दुल्ला ने कहा, अयोध्या मु्ददे पर सभी पक्षों को मेज पर बैठकर इसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे भरोसा है इसे बातचीत से ही हल किया जा सकता है। भगवान राम से किसी को बैर नहीं है, ना ही होना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए सुलझाने की और बनाने की। जिस दिन यह हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा।
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे। लेकिन इसके लिए दूसरे पक्षकार और फिरकापरस्त तंजीमें तैयार नहीं है।
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मदनी ने कहा कि सुनवाई के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद के वकीलों का पैनल पूरी तैयारी कर चुका है। वकीलों ने अदालत में मस्जिद से जुड़े तमाम प्राचीन दस्तावेज भी मुहैया कराए हैं। यह एक मजहबी मामला नहीं बल्कि संविधान और कानून के सम्मान से जुड़ा मामला है। इसलिए आस्था की बुनियाद पर इस पर कोई फैसला नहीं हो सकता।
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मुसलमान इस मुल्क के शांतिप्रिय शहरी हैं और मुल्क के संविधान का साफ दिल से सम्मान करते हैं। हकीकत से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इस मुकदमे को लेकर अदालत पर फिरकापरस्त ताकतों की और से जबरदस्त दबाव बनाने की कोशिशें हो चुकी हैं।