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तो क्या सीएम योगी ने हिन्दुओं को थमा दिया है लॉलीपॉप...शायद हां !

Rishi
Published on: 22 Nov 2017 6:29 PM GMT
तो क्या सीएम योगी ने हिन्दुओं को थमा दिया है लॉलीपॉप...शायद हां !
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लखनऊ : आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में इस समय एक संत सत्ता पर काबिज है। यूपी के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी कट्टर हिंदूवादी छवि के लिए जाने जाते रहे हैं। योगी ने सरकार बनाने के बाद इस तरह के संकेत भी दिए थे कि वह हिंदू आस्था से जुड़े मुद्दों पर अपने कट्टर रुख को बरकरार रखेंगे। लेकिन क्या योगी वास्तव में हिंदू आस्था से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील हैं, या सत्ता में आने के बाद योगी भी एक ट्रेडिशनल राजनेता की तरह हिन्दुओं को वादों की लॉलीपॉप थमाते जा रहा हैं। जिनका धरातल पर कोई असर अब तक दिखाई नहीं दे रहा है।

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सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि बीते 19 मार्च को यूपी की सत्ता संभालने के बाद योगी ने हिंदू 'आस्था को नमन' करने की बात कहते हुए दावे तो बड़े बड़े किए। लेकिन तीन चौथाई साल बीत जाने पर भी योगी सरकार अभी तक हिंदू आस्था से जुड़े मुद्दों पर कोई ठोस जमीनी कार्यवाही नहीं कर पाई है। आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा की एक आरटीआई पर आये जवाब से कई बातें सामने आई हैं।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश ने योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर '100 दिन विश्वास के' शीर्षक से एक पत्रिका का प्रकाशन किया था। जिसमें हिंदू आस्था को नमन की बात कहते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रियों के अनुदान की बढ़ोत्तरी ,गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण, अयोध्या में भजन संध्या स्थल के निर्माण, चित्रकूट में परिक्रमा पथ के पुनर्विकास एवं भजन संध्या स्थल के निर्माण, धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट के शुभारंभ और सिंधु दर्शन के अनुदान को लेकर कई दावे किए गए थे। जिनकी सत्यता परखने के लिए और इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा घोषित की गई योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्यवाही की जमीनी हकीकत को परखने के लिए सितंबर की 21 तारीख को यूपी के मुख्य सचिव के कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर 8 बिंदुओं पर सूचना मांगी गई।

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धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा जो जवाब मिले उन्होंने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

  • कैलाश मानसरोवर यात्रा के अनुदान के भुगतान की कार्यवाही अभी भी प्रक्रियाधीन एवं परीक्षण आधीन है।
  • अयोध्या में भजन संध्या स्थल के निर्माण हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कोई भी धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है।
  • चित्रकूट में परिक्रमा पथ एवं भजन संध्या स्थल के निर्माण हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है।
  • धर्मार्थ कार्य विभाग की वेबसाइट को बनाने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है।
  • सिंधु दर्शन के लिए अनुदान पाने वाले यात्रियों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है।
  • रामलला अयोध्या राम मंदिर के तिरपाल पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोई धनराशि अवमुक्त नहीं हुई है।

इसके बाद सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि सरकार और मुख्यमंत्री को केवल अपनी वही उपलब्धियां जनता के बीच लेकर जानी चाहिए, जिनको उसने वास्तव में जमीनी स्तर पर जनता को उपलब्ध करा दिया हो।

ये रहे सबूत..

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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