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Akhilesh Yadav की विधायकों के साथ बैठक, चुना जाएगा विधायक दल का नेता

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज लखनऊ में सपा तथा सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ पहली बार बैठक करेंगे।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 26 March 2022 10:29 AM IST (Updated on: 26 March 2022 10:35 AM IST)
Akhilesh Yadav
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समर्थकों के बीच अखिलेश यादव (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। आज नवनिर्वाचित विधायकों से सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पहली बार मुखातिब होंगे।

प्रदेश कार्यालय पर होने वाली इस बैठक में विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा। लगभग यह तय है कि अखिलेश यादव ही पार्टी विधायक दल के नेता चुने जाएंगे और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आएंगे। क्योंकि इसके संकेत उन्होंने कुछ दिन पहले आजमगढ़ से सांसदी छोड़ कर दे दिया है।

नवनिर्वाचित विधायकों से मिलेंगे अखिलेश

10 मार्च को नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी अकेले दम पर 111 विधायक जीते हैं जबकि उनकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) 8 और सुभाषपा (SBSP) के 6 विधायक जीते हैं। इस तरह समाजवादी पार्टी गठबंधन के कुल 125 विधायक हैं आज होने वाली बैठक में सपा के 111 विधायक पार्टी कार्यालय पर पहुंचेंगे। अखिलेश यादव सभी विधायकों को जीत की बधाई के साथ ही अगले 5 साल कैसे काम करना हैं, इस बारे में भी बात करेंगे। क्योंकि अखिलेश यादव भले ही सरकार बनाने से पीछे रह गए हों लेकिन उनकी पार्टी के विधायक और वोट प्रतिशत बढ़ने से उनका हौसला कम नहीं हुआ है।

अखिलेश यादव चुने जा सकते हैं नेता प्रतिपक्ष

बीते दिनों अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था, अब वह करहल से विधायक बने रहेंगे। इसके पीछे बड़ी वजह बताई जा रही है कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी को संगठन को और मजबूत करने के लिए लखनऊ में ही रहेंगे। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि अखिलेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसके जरिए वह सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे। सपा प्रमुख भले ही एक बार फिर बीजेपी से परास्त हो गए हों, लेकिन अब 2022 की हार को भुलाकर 2024 और 2027 के चुनाव पर अपना पूरा फोकस करना चाहते हैं। इसका उदाहरण भी दिखाई दे रहा है, जिस दिन से रिजल्ट आया है उसके दूसरे दिन से ही अखिलेश यादव ट्वीट और अपने बयानों के जरिए भाजपा और उनकी सरकार को घेरने का कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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