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सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक एलान, 38-38 सीटों पर लड़ेंगे दोनो दल

दो दिन चल रही राजनीतिक गहमा गहमी के बीच आज मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सीटों का खुलासा कर दिया।सपा 38 और बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2 सीटों को अभी रिक्त रख गया गया है। और रायबरेली अमेठी सीट पर गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी।

Anoop Ojha
Published on: 12 Jan 2019 4:22 AM GMT
सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक एलान, 38-38 सीटों पर लड़ेंगे दोनो दल
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लखनऊ: मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सीटों का आज खुलासा कर दिया।सपा 38 और बसपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चार सीटों को छोड़ दिया गया है जिसमें 2 सीटों रायबरेली अमेठी में गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा। ये सीटें सोनिया और राहुल गांधी के लिए छोड़ी गई हैं। मायावती ने यह भी कहा कि यह सीटें इसलिए छोड़ दी गई हैं ताकि वह चुनाव के समय अपनी सीटें बचाने में ही न उलझ जाएं।

सपा बसपा के गठबंधन को एक अभियान करार देते हुए मायावती कहा, यह प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष, गुरु और चेले की नींद उड़ाने वाली ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस है। हमारी पार्टी बीएसपी ने भीम राव अम्बेडकर के बाद उनके कारवां को गति दी है। ऐतिहासिक सफलता दी है। जाति वादी व्यवस्था के शिकार लोगों बराबर का दर्जा दिलाने की कोशिश की है।



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लोहिया जी के बताए रास्ते पर चल रही सपा

1993 में कांशीराम जी और मुलायम सिंह जी ने मिलकर विधान सभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव ने हवा का रूख बदल दिया था। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पहली गठबंधन सरकार घोर जातिवादी भाजपा को हरा कर बनी थी। गठबंधन नही चल सका। हालांकि देश हित की वजह से 2 जून की घटना से ऊपर उठ कर हमने आपस में समझौता करने का निर्णय लिया है।

1990 के आसपास जैसा ज़हरीला माहौल अयोध्या को लेकर बनाया जा रहा है। जनता त्राहि त्राहि कर रही है।आज भी यूपी समेत देश की सेवा सौ करोड़ जनता गरीब मज़दूर किसान है। सरकार के अहंकारी रवैये के चलते लोग दुखी, परेशान है। व्यापक जनहित और देश हित में हम एक हुए हैं। हमने जनभावना की कद्र की है।

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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बन रहे सपा-बसपा गठबंधन की आज औपचारिक घोषणा के लिए हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दाहिनी तरफ मायावती और बाई तरफ अखिलेश यादव बैठे ।प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मायवती ने कहा, हम ने बीएसपी और सपा ने उपचुनाव में भाजपा को हराया है देश के आम चुनावों में भाजपा को कामयाब नहीं होने देंगे। हम ने इस गठबंधन में कांग्रेस को इस लिए शामिल नहीं किया है क्यों कि आज़ादी के बाद केंद्र, यूपी व दूसरे राज्यों में कांग्रेस ने राज किया है लेकिन मेहनतकश गरीब दलित सब परेशान रहे। भ्रष्टाचार बढ़ा, गरीबी बढ़ी, भाजपा एन्ड कंपनी या कांग्रेस में सब की कार्यशैली एक है रक्षा सौदों में दोनों दलों ने घोटाले किये है।

कांग्रेस पर मायावती ने कहा

हमें कांग्रेस को कोई लाभ नही मिलता है।1996 में इस का कड़वा अनुभव हमेें विधान सभा चुनाव में मिल चुका है।यही अनुभव सपा को 2017 के चुनाव में भी मिला। सपा और बसपा का गठबंधन फायदेमंद रहा दोनों का वोट एक दूसरे को ट्रांसफर हुआ इसलिए अब हमें परहेज़ नहीं है।

गठबंधन बीजेपी को सत्ता में नहीं आने देगा।

पूर्व की तरह वोटिंग मशीन में गड़बड़ी नहीं की,धार्मिक रूप से उन्माद न फैलाया तो गठबंधन जीतेगा। हम ने 4 जनवरी को 80 सीटों का बंटवारा कर लिया था। इसी लिए अखिलेश यादव की छवि खराब करने के लिए खनन मामले में नाम उछाला हम निंदा करते हैं। इस घिनौनी हरकत से हमारा गठबंधन और मजबूत होगा और 80 सीटों में बसपा 38 सीट, एसपी 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, 2 सीट अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिए छोड़ दी है। भाजपा ने जो शिवपाल यादव पर जो पैसा बहाया था वो बर्बाद हो गया। शिवपाल यादव की पार्टी को आगे कर के दलितों पिछड़ों और मुस्लिमों को वोट काटने के लिए कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि ऐसे लोगों को बेनकाब करेंगे। गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने का प्रयास कार्यकर्ताओं को करना होगा।



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मंच पर साथ बैठे अखिलेश यादव ने कहा, सपा बसपा का गठबंधन स्वीकार करने के लिए मायावती जी को धन्यवाद दुकानदारों गरीबों किसानों मज़दूरों महिलाओं बच्चियों परजो ज़ुल्म हुआ है उससे भगवान को भी पीड़ा हुई है। जाति के नाम पर बांटा गया,बेकसूरों के इनकाउंटर जात पूछ कर हो रहे है।इलाज भी हॉस्पिटल में जति पूछ कर हो रही है। नाकामियों से ध्यान हटाने के भगवान की जाति बांटी जा रही।

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गरीबों के बच्चे इलाज नहीं मिलने से वो मर रहे हैं। शरीफों का जीना दूभर हो गागा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इन सुलगते मुद्दों से बेखबर अमीरों के लोन माफ हो रहे है।नफ़रत का ज़हर घोलने वाली भाजपा से मुक्ति के लिए एक जुट होने का फैसला लिया है। मिल कर भाजपा सफाया करेंगे ,केवल चुनावी गठबंधन नहीं है अत्याचारों का अंत है हम दोनों मिल कर मुक़ाबला करेंगे।

नींव उसी दिन पड़ गई थी जब मायावती जी को अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया किया संस्कारहीन नेताओं को भाजपा ने प्रमोट किया था मंत्री बना दिया नींव उसी दिन पड़ गई।

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मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान अगर भाजपा का नेता मायावती जी का अपमान करता है तो मेरा अपमान है। हम दुख सुख के साथी है।गठबंधन से घबरा कर षणयंत्र रचेगी भाजपा दंगा फसाद भी कराया जा सकता है संयम से काम लेना है। मायावती जी ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करता हूँ। सपा बसपा के संबंध और मजबूत होंगे।मैं शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने ने न सिर्फ बराबर की सीट देकर सम्मान रखा मैंने पहले भी कहा अगर झुकना भी पड़ा तो कोई फर्क नहीं है। गठबंधन करेंगे।

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सपा बसपा के होने जा रहे इस गठबंधन को एक नए दौर की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है। पिछले सप्ताह दिल्ली में जब दोनों नेताओं की मुलाकात की खबरें आईं थीं और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया बसपा-सपा के बीच गठबंधन पर बातचीत चल रही है और कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। बता देंकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं।

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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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