×

अखिलेश का सवाल: रैलियों पर भाजपा का अरबों खर्च, लेकिन ऑनलाइन शिक्षण का इंतजाम नहीं

चुनावी रैलियों में एलईडी टीवी के इस्तेमाल पर अरबों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा से पूछा है कि बच्चों की ऑनलाइन पढाई के लिए भाजपा सरकारों की ओर से इंतजाम क्यों नहीं किया जा रहा है।

Newstrack
Published on: 23 Sept 2020 6:45 PM IST
अखिलेश का सवाल: रैलियों पर भाजपा का अरबों खर्च, लेकिन ऑनलाइन शिक्षण का इंतजाम नहीं
X
चुनावी रैलियों में एलईडी टीवी के इस्तेमाल पर अरबों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा से पूछा है कि बच्चों की ऑनलाइन पढाई के लिए भाजपा सरकारों की ओर से इंतजाम क्यों नहीं किया जा रहा है।

लखनऊ। चुनावी रैलियों में एलईडी टीवी के इस्तेमाल पर अरबों रुपये खर्च करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा से पूछा है कि बच्चों की ऑनलाइन पढाई के लिए भाजपा सरकारों की ओर से इंतजाम क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा से कहा है कि वह ईमानदारी से पीएम केयर्स फंड को जनता का फंड बनाए।उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार में युवाओं को दिए गए लैपटॉप आज उन्हें ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने में सहायक साबित हो रहे हैं।

ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था ही कारगर

समाजवादी पार्टी की ओर से जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में अध्ययन एवं अध्यापन को निरंतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि स्कूल - कॉलेज खोलने के बजाय अन्य विकल्पों को आजमाया जाए।

ऐसे में ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था ही कारगर है। सरकार को चाहिए कि जिस तरह समाजवादी सरकार ने युवाओं को लैपटॉप देकर उच्च शिक्षा हासिल करने में उनकी मदद की । उसी तरह भाजपा की सरकारें भी गरीब परिवार के विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन, बिजली कनेक्शन और इंटरनेट की मुफ्त सुविधा दिलाएं।

वादा आज तक पूरा नहीं हो सका

शिक्षकों को भी घर से डिजिटल अध्यापन के लिए नि:शुल्क हार्डवेयर व अन्य संसाधन मुहैया कराए जाएं। उन्होनें कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्रों में तो युवाओं को लैपटॉप देने का वादा किया था लेकिन इस पर अमल नहीं किया। सभी विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाईफाई देने का भी वादा आज तक पूरा नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि भाजपा सरकारों का ऑनलाइन शिक्षण का दावा केवल कागजों पर ही सिमट गया है। गांव में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बिजली की आपूर्ति नहीं मिल रही। बच्चों के पास लैपटॉप या स्मार्ट फोन नहीं हैं। अभिभावकों के लिए भी मुश्किल है कि वह अपने दो- तीन बच्चों को स्मार्ट फोन खरीद कर दे सकें।

ये भी पढ़ें...आतंकियों से लड़े 3 पति: सुने ताज बीबी का दर्द, रो देंगे आप

स्कूलों की फीस समस्या

उन्होंने स्कूलों की फीस समस्या को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था में अभिभावकों को सभी संसाधन अपने स्तर से जुटाने पड रहे हैं और इसके बाद स्कूल फीस की देनदारी भी उन्हीं पर है। इस हालात में स्कूल की फीस 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। स्कूल- कॉलेज के प्रबंधक अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं जबकि ऑनलाइन शिक्षण की फीस कभी कैंपस फीस के बराबर नहीं हो सकती है लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ भी नहीं कर रही है।

ये भी पढ़ें... दुश्मन बना चीन: किया 11 इमारतों का निर्माण, कहा- हमारा ही है इलाका

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी



Newstrack

Newstrack

Next Story