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समाजवादी यूथ विंग का धमाका, मेल भेज कर कहा-रजत जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे युवा

मेल में इन सभी नेताओँ ने लिखा है कि युवा साथियों को झूठी शिकायतों के आधार पर समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है। अनुशासनहीनता बताकर युवाओं पर दाग लगाया गया है। ऐसे में इसकी खिलाफत में यह निर्णय लिया गया है कि 5 नवम्बर 2016 को समाजवादी पार्टी उ.प्र. के प्रस्तावित स्थापना दिवस/रजत जयन्ती समारोह में शामिल नही होंगे।

zafar
Published on: 18 Oct 2016 6:07 PM IST
समाजवादी यूथ विंग का धमाका, मेल भेज कर कहा-रजत जयंती समारोह में शामिल नहीं होंगे युवा
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में गृहयुद्ध अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे ही लगता है कि सबकुछ शांत हो गया, वैसे ही नया सियासी धमाका हो जाता है। ऐसे ही एक धमाके में समाजवादी पार्टी "यूथ विंग" के नाम से आए ईमेल ने धमाका कर दिया है। इस ईमेल को एमएलसी संतोष यादव सनी, अरुण वर्मा विधायक, इस्तीफा दे चुके प्रदीप तिवारी, मनीष दुबे जैसे 32 युवा नेताओं की तरफ से भेजा गया बताया है। मेल में लिखा है कि युवा नेताओं के निष्कासन के विरोध में वे पार्टी के प्रस्तावित स्थापना दिवस समारोह में शामिल नही होंगे।

क्या लिखा है मेल में

-मेल में इन सभी नेताओँ ने लिखा है कि युवा साथियों में एम.एल.सी. सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द प्रताप यादव, संजय लाठर तथा बृजेश यादव- प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा, मो. एबाद- प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड, श्री गौरव दुबे- राष्ट्रीय अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड तथा दिग्विजय सिंह देव- प्रदेश अध्यक्ष छात्रसभा को झूठी शिकायतों के आधार पर समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है।

-मेल में कहा गया है कि अनुशासनहीनता बताकर युवाओं पर दाग लगाया गया है।

-ऐसे में इसकी खिलाफत में यह निर्णय लिया गया है कि 5 नवम्बर 2016 को समाजवादी पार्टी उ.प्र. के प्रस्तावित स्थापना दिवस/रजत जयन्ती समारोह में शामिल नही होंगे।

सुबह से ही तल्खी ने सिर उठाया लिया था

-अखिलेश समर्थकों के काटे गए टिकट को लेकर मंगलवार सुबह एक बार फिर शीतयुद्ध गर्मा गया था।

-माना जा रहा है कि सोमवार की शांति 12 घंटे भी नहीं चल सकी। ऐसे में रामगोपाल यादव के चुनाव आयोग जाने को लेकर कई तरह के कयास तैरने लगे।

विरोध, पर बगावत नही

-वैसे जानकारों का मानना है कि इस तरह का विरोध अभी तेज होता जाएगा, पर पार्टी के दो फाड़ होना अभी दूर की कौड़ी है।

-दरअसल मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ मेट्रो और आगरा एक्सप्रेस वे के बनने में कुछ महीने बचे हैं, ऐसे में साफ है कि मुख्यमंत्री अपनी किसी जल्दबादी में कोई कदम उठाने से पहले कई बार विचार करेंगे



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