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मंत्री संजय निषाद ने बाबा साहेब को किया नमन, बोले - उनके दिखाए रास्ते पर देश बढ़ रहा आगे
संजय निषाद ने कहा कि भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बनाने में बाबा साहेब अम्बेडकर का योगदान महत्वपूर्ण है। भारत का संविधान सबको बराबर का हक और कानून देता है।
Sanjay Nishad: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Babasaheb Bhimrao Ambedkar birth anniversary) के मौके पर कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) गोरखपुर के दौरे पर पहुंचे। संजय निषाद बाबा साहब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले बाबा साहेब को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया और फिर लोगों को संबोधित किया। यह कार्यक्रम राज्य विद्युत परिषद अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा आयोजित किया गया था।
इस मौके पर संजय निषाद ने कहा कि भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश (democratic country) बनाने में बाबा साहेब अम्बेडकर का योगदान महत्वपूर्ण है। भारत का संविधान सबको बराबर का हक और कानून देता है। उन्होंने बताया कि संविधान शब्द ही दो शब्दों को जोड़कर बनाया गया है। सम और विधान जिसमें सम का अर्थ है समान और विधान का अर्थ है कानून। आज भारत का संविधान सबके लिए बराबर है चाहे वो देश का प्रधानमंत्री हो, राष्ट्रपति हो या मजदूर हो।
बाबा साहेब ने हमें ऐसा संविधान दिया- संजय निषाद
भारतीय संविधान की खूबसूरती को देखिए आज दलित का बेटा ही देश के सबसे उच्च पद पर विराजमान हो सकता है वो भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बन सकता है। डॉ संजय निषाद ने पार्टी कार्यालय में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने हमें ऐसा संविधान दिया जिसमें राष्ट्रपति का वोट और एक गरीब का वोट भी एक समान होता है। उन्होंने कहा की भारत देश भगवान बुद्ध का देश है, जिन्होंने शांति और सेवा का ज्ञान दिया था. वैसे ही बाबा साहेब ने देश और गरीबों के सेवा में अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
डॉ भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना होगा- संजय निषाद
संजय निषाद ने कहा आज भाजपा नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश सेवा कर रही है। हमारा सौभाग्य है कि उन्होंने मुझे भी कैबिनेट मंत्री के रूप में जनता का सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। डॉ भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना होगा। तभी देश में सबको समानता का अधिकार मिलेगा और देश में फिर से रामराज्य आएगा. क्योंकि बिना संविधान के रामराज्य का परिकल्पना करना बेईमानी होगा।