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Election Symbols Freeze: शिवसेना का सिंबल फ्रीज होने पर बोले पवार,नहीं खत्म होगी पार्टी, अंधेरी उपचुनाव पर भी असर नहीं
Election Symbols Freeze: उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट के बीच सिंबल को लेकर मचे घमासान के बीच चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
Election Symbols Freeze: शिवसेना के उद्धव और शिंदे गुट के बीच इन दिनों जबर्दस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। आयोग ने दोनों गुटों से नए चुनाव निशान और नाम के लिए तीन-तीन विकल्प मांगे हैं। इसके लिए कल दोपहर एक बजे तक का वक्त दिया गया है। आयोग के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उद्धव गुट ने शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा है। उद्धव गुट की प्रतिक्रिया के बाद अब इस मामले में उद्धव के सहयोगी दल एनसीपी के मुखिया शरद पवार का महत्वपूर्ण बयान आया है।
पवार ने कहा कि आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना समाप्त नहीं होने वाली है। उन्होंने कहा कि आयोग के इस फैसले से शिवसेना कार्यकर्ताओं में नए उत्साह और जोश का संचार होगा। उन्होंने कहा कि अंधेरी सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी इस फैसले का ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला क्योंकि एनसीपी और कांग्रेस ने पहले ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार को समर्थन देने का बड़ा ऐलान कर रखा है।
जानबूझकर किया गया फैसला
उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव आयोग के फैसले पर तनिक भी हैरानी नहीं हुई है, क्योंकि मुझे पहले ही इस तरह के आदेश की आशंका थी। पवार ने आयोग को घेरते हुए कहा कि यह सबकुछ जानबूझकर किया जा रहा है मगर इसे साबित करने के लिए मेरे पास पर्याप्त सबूत नहीं है। एनसीपी मुखिया ने कहा कि ऐसे हालात में हमें हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। शिवसेना को नए सिंबल के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुट जाना चाहिए क्योंकि आयोग के आदेश के बाद अब कोई विकल्प भी बाकी नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि मैं भी अतीत में कई चुनाव निशान के साथ चुनाव मैदान में उतर चुका हूं। उन्होंने कहा कि मैं चरखा, पंजा, घड़ी, दो बैलों की जोड़ी और बछड़ा चुनाव निशान के साथ सियासी रण में उतर चुका हूं। इसलिए इस बात से कोई ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है कि आप किस सिंबल के साथ चुनाव मैदान में उतरते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात लोगों का समर्थन हासिल करना है और इसे हासिल करने के लिए मेहनत करनी होगी।
अंधेरी उपचुनाव में होगा रोचक मुकाबला
एनसीपी मुखिया ने कहा कि आयोग के आदेश के बाद शिवसेना को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि इस आदेश से पार्टी खत्म नहीं हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग के फैसले से उद्धव सेना के कार्यकर्ताओं में नए जोश और उत्साह का संचार होगा। उद्धव खेमे का चुनाव निशान फ्रीज होने के बाद अंधेरी उपचुनाव पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन उद्धव गुट के उम्मीदवार को हासिल होगा। शिवसेना में बगावत के बाद अंधेरी के उपचुनाव में उद्धव और शिंदे खेमे का पहला सियासी मुकाबला होगा। इस मुकाबले को जीतने के लिए दोनों खेमों ने पूरी ताकत झोंकने की तैयारी की है। चुनाव निशान फ्रीज होने के बाद अब सियासी हालात पूरी तरह बदल चुके हैं और माना जा रहा है कि इस उपचुनाव में काफी रोचक मुकाबला होगा।
नया सिंबल फाइनल करने में जुटे दोनों गुट
चुनाव आयोग के आदेश के बाद दोनों गुट नए नाम और सिंबल को फाइनल करने में जुट गए हैं। दोनों खेमो की ओर से आज महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों के दौरान वैकल्पिक चुनाव निशान और नामों पर आखिरी फैसला लिया जाएगा। आयोग ने इसके लिए कल दोपहर तक का ही वक्त दिया है। इसलिए दोनों खेमों के नेताओं के बीच आपसी चर्चा का दौर शुरू हो गया है। शिवसेना को 1985 में तीर-कमान चुनाव निशान मिला था। इस चुनाव निशान के साथ पार्टी महाराष्ट्र की सियासत में खुद को स्थापित करने में कामयाब हुई थी। दूसरी ओर शिंदे गुट शिवसेना से अलग होने के बाद पहली बार सियासी रण में किस्मत आजमाने के लिए उतर रहा है।