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शीला दीक्षित का निधन, गांधी परिवार ने खोया अपना सबसे विश्वस्त साथी
संसद सदस्य के कार्यकाल में, दीक्षित ने लोक सभा की एस्टीमेट्स समिति के साथ कार्य किया। शीला दीक्षित ने भारतीय स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ की कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता भी की थी।
नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का 20 जुलाई को निधन हो गया। 81 वर्षीय शीला दीक्षित कांग्रेस की एक दिग्गज नेता थीं। उनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस व गांधी परिवार ने अपना एक सबसे विश्वस्त साथी खो दिया। बता दें कि उनकी तबियत कुछ वक्त से ठीक नहीं थी।
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दीक्षित केरल की पूर्व राज्यपाल भी रहीं। दीक्षित को राजनीति में प्रशासन व संसदीय कार्यों का अच्छा अनुभव था। दीक्षित ने केन्द्रीय सरकार में 1986 से 1989 तक मंत्री पद भी ग्रहण किया था। पहले ये, संसदीय कार्यों की राज्य मंत्री रहीं, और बाद में, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं। 1984-89 में दीक्षित ने उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
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संसद सदस्य के कार्यकाल में, दीक्षित ने लोक सभा की एस्टीमेट्स समिति के साथ कार्य किया। शीला दीक्षित ने भारतीय स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ की कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता भी की थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष के पद पर, 1998 में कांग्रेस को दिल्ली में, अभूतपूर्व विजय दिलायी। 2008 में हुये विधान सभा चुनावों में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने 70 में से 43 सीटें जीतीं।