SP विधायकों की बैठक में नहीं बुलाए जाने से शिवपाल नाराज, बोले- जल्द लेंगे आगे का फैसला

Shivpal Yadav: समाजवादी पार्टी और सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित विधायकों के मीटिंग में पार्टी की ओर से शिवपाल यादव को निमंत्रण नहीं मिलने से शिवपाल यादव नाराज हो गए हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 26 March 2022 7:58 AM GMT (Updated on: 26 March 2022 8:00 AM GMT)
Shivpal Yadav
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शिवपाल यादव (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया) 

Shivpal Yadav: विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में चाचा-भतीजे का मनमुटाव फिर से खुलकर सामने आने लगा है। आज प्रदेश कार्यालय पर समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को नहीं बुलाया गया। जबकि बाकी सपा (SP) विधायकों के पास पार्टी कार्यालय से बैठक के लिए फ़ोन गया था। बुलावा नहीं आने पर शिवपाल यादव ने कहा कि उनके पास कोई फोन नहीं आया। बैठक के लिए उन्होंने पहले से ही 2 दिन का अपना सारा प्रोग्राम कैंसिल कर दिया था। वह इंतजार करते रहे लेकिन उनके पास कोई सूचना नहीं आई। जबकि वह भी समाजवादी पार्टी के ही विधायक हैं।

शिवपाल यादव ने कहा कि वह बैठक में शामिल होने के बुलावे का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब नहीं बुलाया गया तो वह इटावा जा रहे हैं। वहां से लौटने के बाद अपने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अगली रणनीति पर फैसला करेंगे।

बता दें उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने पर शिवपाल ने सहमति जता दी थी। अखिलेश यादव ने सिर्फ उन्हें ही जसवंतनगर से मैदान में उतारा बाकी उनकी पार्टी के किसी दूसरे नेता को टिकट नहीं मिला था। हालांकि शिवपाल इस पर भी नाराज थे लेकिन वह खुलकर अपनी बात नहीं कर सके इसके बाद उनकी पार्टी के कई बड़े नेता दूसरे दलों में शामिल हो गए।

शिवपाल ने निकाली थी रथ यात्रा

गौरतलब है कि अखिलेश और शिवपाल चुनाव से पहले एक ही दिन अपनी रथ यात्रा का आगाज किया था। सपा प्रमुख ने जहां कानपुर से रथ यात्रा की शुरुआत की थी, वही शिवपाल मथुरा से रथ यात्रा की शुरुआत किया था। शिवपाल बार-बार यह कहते रहे कि वह गठबंधन का इंतजार कर रहे लेकिन अखिलेश यादव की ओर से कोई बात नहीं कही जा रही थी। चुनाव के आखिरी दिनों में चाचा भतीजे की मुलाकात हुई उसके बाद सिर्फ एक सीट शिवपाल को सपा के खाते से मिली थी। उस पर उन्होंने संतोष कर चुनाव मैदान में उतरे। लेकिन अब एक बार फिर चुनाव नतीजों के बाद जब समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं बनी तो चाचा भतीजे के बीच मनमुटाव सामने आने लगे हैं।

Bishwajeet Kumar

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