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शिवपाल ने निकाली अखिलेश पर भड़ास, कहा- समाजवादियों की नहीं, घमंड की हार है

Rishi
Published on: 11 March 2017 12:20 PM IST
शिवपाल ने निकाली अखिलेश पर भड़ास, कहा- समाजवादियों की नहीं, घमंड की हार है
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लखनऊ: भतीजे सीएम अखिलेश यादव के हाथों बार-बार अपमानित होने वाले चाचा शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव परिणाम के बाद जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा ये हार समाजवादियों की नहीं, बल्कि घमंड की है। समाजवाद कभी हार ही नहीं सकता। इस चुनाव में घमंड हारा है और घमंड की तो हमेशा हार होती है।

शिवपाल यादव के मुताबिक, अखिलेश ने ना सिर्फ उन्हें हटाया बल्कि नेताजी मुलायम सिंह यादव को भी अपमानित कर एक किनारे बैठा दिया। जिस पार्टी को मुलायम सिंह यादव ने अपने पसीने से सींचा था, उसपर सीएम अखिलेश यादव ने कब्जा कर लिया।

कांग्रेस-सपा गठबंधन से भी नहीं बनी बात

अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल के ना चाहते हुए भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। उन्हें लगा कि अगर साइकिल के हैंडिल पर हाथ लग जाएगा तो यूपी में एक बार फिर उन्हें सत्ता मिल जाएगी, लेकिन नतीजों में कुछ और ही सामने आया। गठबंधन पूरी तरह से अखिलेश को यूपी में ले डूबा। गठबंधन ने सपा ने कांग्रेस को 105 सीटें दीं, जिसके बाद सपा कार्यकर्ता और पार्टी के उम्मीदवार भी दो खेमों में बंट गए।

कब शुरू हुई थी सपा में कलह ?

देश के सबसे बडे राजनीतिक कुनबे में कलह पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में शुरू हुई थी। शह-मात के खेल में कभी अखिलेश यादव से प्रदेश अध्यक्ष का पद लिया गया तो अखिलेश ने बदले में चाचा शिवपाल सिंह यादव को म़ंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। धीरे-धीरे पूरा परिवार दो धड़े में बंट गया।

एक ओर मुलायम और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव थे तो दूसरी ओर अखिलेश के साथ उनके चाचा रामगोपाल यादव थे । इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी अखिलेश के साथ ही खड़े दिखाई दिए। इसके बाद चुनाव प्रचार से मुलायम ने किनारा कर लिया या यूं कहें कि उन्हें किनारे कर दिया गया।

उन्होंने भाई शिवपाल के लिए जसवंतनगर और छोटी बहू अपर्णा के लिए लखनउ कैंट से ही प्रचार किया। शिवपाल यादव भी बस जसवंतनगर की अपनी सीट तक ही सीमित रहे। मुलायम और शिवपाल की जिस जोड़ी ने 2012 में सपा को यूपी की सत्ता दिलाई, कांग्रेस और बीजेपी को बाहर किया, वही इस चुनाव में घर बैठ गई।



Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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