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मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बारे में ये क्या बोल गये शिवराज?

मध्य प्रदेश की विधानसभा के फ्लोर पर सत्ता का टेस्ट फिलहाल टल गया है, लेकिन सत्ता के गलियारों में सरगर्मी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के 106 विधायक नाराजगी जताने राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन के सामने परेड की।

Aditya Mishra
Published on: 16 March 2020 10:16 AM GMT
मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बारे में ये क्या बोल गये शिवराज?
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इंदौर: मध्य प्रदेश की विधानसभा के फ्लोर पर सत्ता का टेस्ट फिलहाल टल गया है, लेकिन सत्ता के गलियारों में सरगर्मी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के 106 विधायक नाराजगी जताने राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन के सामने परेड की।

शिवराज ने राज्यपाल को 106 विधायकों के साथ का पत्र भी सौंपा। राज्यपाल ने पूछा कि यहां सभी लोग स्वेच्छा से आए हैं? विधायकों ने कहा- हां। फिर राज्यपाल ने कहा कि निश्चिंत रहें, आपके अधिकारों के हनन नहीं होगा। लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी मेरी है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ रणछोड़दास हैं। उनकी सरकार को कोरोनावायरस भी नहीं बचा सकता। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन 36 पन्नों के अभिभाषण के साथ विधानसभा तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने एक मिनट से भी कम वक्त लेकर आखिरी पन्ने का आखिरी पैरा ही पढ़ा। इसके बाद राज्यपाल ने हिदायती लहजे में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन’ करने की बातें कहीं।

इशारा मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्पीकर एनपी प्रजापति की ओर ही था। इसके महज 5 मिनट बाद स्पीकर ने अपने ‘अधिकारों का निर्वहन’ करते हुए कोरोनावायरस के खतरों का हवाला देकर 26 मार्च तक कार्यवाही स्थगित कर दी। 26 मार्च यानी ठीक वही तारीख, जिस दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है।

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कमलनाथ सरकार

‘बहुमत हमारे पास है…

पूर्व मुख्यमंत्री ने आंकड़ों पर बात करते हुए कहा कि मौजूदा सदन की संख्या के अनुसार उसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के कुल 92 विधायक हैं, बीजेपी के 106 विधायक है। ये स्पष्ट है कि बहुमत भाजपा का है और इसलिए राज्यपाल से हमने अपील की है।

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ रहे है। शिवराज बोले कि ये सरकार सिर्फ टाइम काटने का काम कर रही है, क्या इस सरकार को फैसले लेने का अधिकार है है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बच्चे नहीं हैं, माहौल उनके लिए नहीं बल्कि प्रदेश के लिए अच्छा है है। ये अस्थिर सरकार कोरोना से भी नहीं बच पाएगी।

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आपको बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के बाद स्थगित हो गई है। अब विधानसभा की कार्यवाही 27 मार्च को शुरू होगी। इसी के बाद बीजेपी की ओर से कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा गया और फ्लोर टेस्ट को टालने का आरोप लगाया गया है।

कार्यवाही स्थगित होने के बाद बीजेपी के 106 विधायक शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे। इतना ही नहीं भाजपा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी बहुमत परीक्षण को लेकर याचिका दायर की गई है और 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है।

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Aditya Mishra

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