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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में भाजपा की बड़ी रणनीति,विधानसभा चुनाव से पहले स्मृति ईरानी की सक्रियता से सियासी अटकलें तेज

Delhi Assembly Election 2025: पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं के बीच भी स्मृति ईरानी की सक्रियता को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने एक बड़ी रणनीति के साथ दिल्ली में स्मृति ईरानी को सक्रिय किया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 10 Sept 2024 8:45 AM IST
Smriti Irani
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Smriti Irani

Delhi Assembly Election 2025: राजधानी दिल्ली में अभी विधानसभा चुनाव का ऐलान तो नहीं हुआ है मगर सियासी दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की चुनाव से पूर्व सक्रियता चर्चा का विषय बन गई है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने स्मृति ईरानी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राजधानी दिल्ली के सात जिलों में स्मृति ईरानी के कार्यक्रम लगाए जाने के बाद सियासी अटकल तेज हो गई है।दिल्ली में स्मृति ईरानी की सक्रियता के बाद माना जा रहा है कि वे राजधानी में भाजपा का प्रमुख चेहरा हो सकती हैं। पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेताओं के बीच भी स्मृति ईरानी की सक्रियता को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने एक बड़ी रणनीति के साथ दिल्ली में स्मृति ईरानी को सक्रिय किया है।

दिल्ली में लंबे समय से भाजपा सत्ता से बाहर

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तमाम कोशिशों के बावजूद लंबे समय से दिल्ली की सत्ता पर कब्जा नहीं कर सका है। आम आदमी पार्टी के ताकतवर होने के बावजूद दिल्ली के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए थे। भाजपा पिछले करीब 26 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है और यही कारण है कि पार्टी ने इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही नई रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है।यदि दिल्ली के पिछले दो विधानसभा चुनावों को देखा जाए तो भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। दोनों चुनावों में पार्टी दहाई की संख्या में भी पहुंचने में कामयाब नहीं हो सकी। वर्ष 2015 में पार्टी की ओर से किरण बेदी को चेहरा बनाया गया था मगर वह अपना जादू दिखाने में विफल साबित हुईं। जानकारों का मानना है कि इसी कारण पार्टी इस बार नई रणनीति पर काम कर रही है।

स्मृति की लोकप्रियता का फायदा उठाने की कोशिश

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का अमेठी का किला ध्वस्त कर दिया था। 2019 में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोटों से हराकर हर किसी को हैरान कर दिया था। हालांकि इस बार अमेठी में स्मृति ईरानी को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के सामने हार का सामना करना पड़ा।स्मृति ईरानी को भाजपा का प्रमुख चेहरा माना जाता रहा है और महिलाओं के बीच भी वे खासी लोकप्रिय रहे हैं। ऐसे में पार्टी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में उनके चेहरे का फायदा उठाना चाहती है। इसी कारण पार्टी की ओर से दिल्ली के सात जिलों में स्मृति ईरानी के कार्यक्रम तय किए गए हैं।

राजधानी के कई इलाकों में लगाए स्मृति के कार्यक्रम

पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राजधानी दिल्ली में भाजपा ने छह टिकट बदल दिए थे। सिर्फ मनोज तिवारी अपना टिकट बचाने में कामयाब हुए थे। पार्टी को लोकसभा चुनाव में इसका फायदा भी मिला। पार्टी लोकसभा चुनाव की इस सफलता को अब विधानसभा चुनाव में दोहराना चाहती है। इसी के तहत स्मृति ईरानी के नई दिल्ली, चांदनी चौक, शाहदरा, मयूर विहार, करोल बाग, नवीन शाहदरा और केशवपुरम में कार्यक्रम तय किए गए हैं।

शीर्ष नेतृत्व का फैसला बड़ा इशारा

भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर तय किए गए इन कार्यक्रमों को भाजपा नेतृत्व की ओर से काफी महत्व दिया जा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों में सांसदों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। यही कारण है कि स्मृति ईरानी की सक्रियता को लेकर सियासी अटकलों का बाजार गरम हो गया है।जानकारों का मानना है कि दिल्ली में स्मृति ईरानी भाजपा का बड़ा चेहरा हो सकती हैं। दिल्ली में भाजपा के पास कोई बड़े कद का नेता नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी स्मृति ईरानी के जरिए कांग्रेस और आप को बड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुट गई है।

Shalini singh

Shalini singh

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