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योगी सरकार के मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की गड्ढा युक्त सड़कों पर सपाईयों ने धान लगाकर किया प्रदर्शन

Manali Rastogi
Published on: 13 Aug 2018 4:02 PM IST
योगी सरकार के मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की गड्ढा युक्त सड़कों पर सपाईयों ने धान लगाकर किया प्रदर्शन
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अमेठी: उत्तर प्रदेश का अमेठी जिला कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां से सांसद हैं। इस कारण आये दिन सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता विकास के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरते भी हैं। हालांकि यहां की बदहाली की ज़िम्मेदार अब बीजेपी भी है, लेकिन कांग्रेस उससे मोर्चा नही ले पा रही।

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ऐसे में कांग्रेस जो नही कर पाई उसे यहां के सपाईयों ने किया। आज इसी क्रम में सपाईयों ने योगी सरकार के मंत्री सुरेश पासी के विधानसभा क्षेत्र जगदीशपुर के शुकुल बाज़ार में गड्ढा युक्त सड़कों में धान लगाकर प्रदर्शन किया है।

शुकुल बाज़ार के मवइया चौराहे पर किया प्रदर्शन

आपको बता दें कि बदहाल इन सड़कों का हाल योगी सरकार के मंत्री सुरेश पासी की विधानसभा क्षेत्र जगदीशपुर का है। इस विधानसभा क्षेत्र की दर्जनों गड्ढा युक्त सड़कें सरकार के गड्ढा मुक्त सड़कों के दावों वाले बयान को मुंह चिढ़ा रही हैं।

कई बार शिकायत के बाद भी जब सड़कों की हालत दुरुस्त नही हुई तो आज सपाईयों ने सरकार और सरकार के मंत्री का ध्यान केंद्रित करने के लिए शुकुल बाज़ार के मवइया चौराहे पर धान लगाकर प्रदर्शन किया।

समाजसेवी सुरजीत यादव ने सीएम योगी से की थी शिकायत

आपको बता दें कि सरकार के मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख रूप से इन्हौना सरायगोपी से खेममऊ मार्ग, शुकुल बाज़ार से उरेरमऊ मां कामाख्या भवानी मार्ग, शुकुल बाज़ार से पनही मार्ग, शुकुल बाज़ार इन्हौना मार्ग से पूरे शुकुलन वाया जगदीशपुर आदि मार्गों की हालत खस्ताहाल है। बीते दिनों समाजसेवी सुरजीत यादव ने क्षेत्र के 7 अलग-अलग मुख्य मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की।

जिसपर लोक निर्माण विभाग ने जो जवाब दिया उसने सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने जवाब दिया कि शासन की नीतियों के अनुसार कार्य कराया जा रहा। और जो मांग की गई है शासन की नीति के अंतर्गत होते ही अवाश्यक कार्यवाही की जाएगी।

बड़ा सवाल ये है कि जब शासन ने पूर्व में ही गड्ढा मुक्त नीति लागू कर रखा है तो अब कौन सी नई नीति आना बाकी है? उससे भी अधिक संवेदन शील बात ये है कि जब सरकार के मंत्रियों का हाल ये है तो आम इलाको का हाल क्या होगा भली भांति अंदाजा लगाया जा सकता है।



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