TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

लोकसभा अध्यक्ष: मोदी की नजरों में इन वजहों से चढ़े ओम बिरला

ओम बिरला नामक की शख्सियत आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन ओम बिरला का आइए जानते हैं कि यहां तक का सफर कैसा रहा और उनमें ऐसी क्या खासियतें थीं जिनके चलते वह मोदी के प्रिय लोगों में शुमार हो गए। ये शख्स कोई बहुत बड़ा हाई फाई नेता नहीं है न ही यह व्यक्ति कभी कहीं मंत्री पद पर आसीन रहा है। राजस्थान के कोटा के बूंदी से जुड़ा यह आदमी अपने क्षेत्र में भी नेता कम एक समाज सुधारक के रूप में अधिक जाना जाता है।

राम केवी
Published on: 23 Jun 2019 1:49 PM IST
लोकसभा अध्यक्ष: मोदी की नजरों में इन वजहों से चढ़े ओम बिरला
X
ओम बिरला

ओम बिरला नामक की शख्सियत आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन ओम बिरला का आइए जानते हैं कि यहां तक का सफर कैसा रहा और उनमें ऐसी क्या खासियतें थीं जिनके चलते वह मोदी के प्रिय लोगों में शुमार हो गए।

ये शख्स कोई बहुत बड़ा हाई फाई नेता नहीं है न ही यह व्यक्ति कभी कहीं मंत्री पद पर आसीन रहा है। राजस्थान के कोटा के बूंदी से जुड़ा यह आदमी अपने क्षेत्र में भी नेता कम एक समाज सुधारक के रूप में अधिक जाना जाता है।

अपने व्यक्तिगत प्रयासों से इस व्यक्ति ने कोटा में मेरी पाठशाला की शुरुआत कर गरीब और समाज के दबे कुचले वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध किया हुआ है। जिसमें बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जा रही है।

बिनी किसी सहयोग के ओम बिरला कोटा में वर्षों से लंगर चला रहे हैं जिसका उद्देश्य हर भूखे को खाना खिलाना है। यहां पर कोई भी शख्स आकर खाना खा सकता है। प्रसादम नाम से उनका यह प्रकल्प जरूरतमंदों की सेवा के लिए सतत प्रवाहमान है।

गुजरात में भूकंप आने पर ओम बिरला ने वहां के पीड़ित लोगों की तन मन धन से निस्वार्थभाव से सेवा की थी। और भूकंप के दिये घावों पर मरहम लगाने का काम किया था।

कभी शिकायत नहीं रही

तीन बार राजस्थान विधानसभा सदस्य चुने जाने के बावजूद उन्हें कभी मंत्री नहीं बनाया गया लेकिन उनको कभी इस बात की कोई शिकायत नहीं रही।

दो बार लोकसभा के लिए भी निर्वाचित होकर अपने सतत जीत के अभियान को ओम बिरला ने कायम रखा।

अपने क्षेत्र में आईआईटी की स्थापना के लिए ओम बिरला ने जुझारू तेवर का परिचय देते हुए लंबे समय तक संघर्ष किया।

कोटा में बाढ़ पीड़ितों के बीच में रहकर राहत दल का नेतृत्व करते हुए पीड़ितों को बचाने, उन्हें आवासीय, चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने में उनका अप्रतिम योगदान रहा है।

अपने समाज सेवा के कार्यों से ही उनकी पहुंच मोदी तक हुई। और वह गुड बुक में शामिल होकर मोदी के योग्यता के उस पैमाने पर खरे उतरे जिसके चलते उन्हें लोकसभा अध्यक्ष के गरिमामय पद को सुशोभित करने का अवसर मिला।



\
राम केवी

राम केवी

Next Story