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UP Assembly election 2022: 2017 में जिस समीकरण से मिली थी प्रचंड जीत, उसी को साधने में जुटी BJP

यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly election 2022) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक्टिव हो गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 11 Jun 2021 9:56 AM GMT (Updated on: 12 Jun 2021 12:48 AM GMT)
Amit Shah - PM Modi
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अमित शाह-पीएम मोदी (फोटो सोशल मीडिया 

लखनऊ: यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly election 2022) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक्टिव हो गई है। 2017 के चुनाव में जिस समीकरण के दम पर 15 साल सियासी वनवास को खत्म कर बीजेपी सत्ता में लौटी थी। उसका असर भी अब खत्म हो गया है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से पार्टी के शीर्ष नेताओं की जो लगातार बैठकें चल रही हैं उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दोबारा से उसे पुराने फॉर्मूले को फिर से जमीन पर उतारने के लिए सक्रिय हो गए हैं।

पिछले कई दिनों से बीजेपी बैक-टू-बैक बैठकें चल रही है। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की टीम और आरएसएस के रिपोर्ट के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गए हो गए हैं। वहीं अपना दल (एस) की नेता व सांसद अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने गुरुवार को अमित शाह से मुलाकात किया है। ऐसे में यह मुलाकात काफी अहम माना जा रही है।

मोदी-शाह (फोटो-सोशल मीडिया)

अनुप्रिया और संजय निषाद से मिले अमित शाह

गौरतलब है कि अपना दल (एस) और निषाद पार्टी यूपी में बीजेपी के सहयोगी पार्टियां हैं। इन दोनों ही पार्टियों का राजनीतिक आधार ओबीसी समुदाय से आती है। इसीलिए इन दोनों ही पार्टियों के नेताओं को नजरअंदाज बीजेपी नहीं करना चाहती है, क्योंकि पार्टी उनसे दूरी बनाकर अपनी सियासी राह में मुश्किलें नहीं खड़ी करना चाहती।

अनुप्रिया और संजय निषाद से मिले अमित शाह (Photo-Social Media)

BJP की जीत में ओबीसी की अहम भूमिका

आपको बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अगुवाई वाले गठबंधन को 325 सीटों के साथ प्रचंड जीत मिली थी। इस जीत का फॉर्मूला पीएम नरेंद्र मोदी और शाह ने तैयार किया था, जिसके तहत यूपी के ओबीसी नेता अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के साथ गठबंधन किया गया था। बीजेपी ने यूपी में सपा को हराने के लिए गैर-यादव ओबीसी को एकजुट किया था, जिसके तहत ये दोनों ओबीसी नेता उसी रणनीति का हिस्सा थे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के साथ उनके रिश्ते बिगड़ गए और 2019 के बाद वो बीजेपी गठबंधन से नाता तोड़कर अलग हो गए। वहीं, अनुप्रिया पटेल भी काफी समय से नाराज हैं। उन्हें इस बार मोदी कैबिनेट (Modi cabinet) में कोई जगह नहीं मिली, जबकि राज्य में उनके पति और पार्टी अध्यक्ष आशीष पटेल भी मंत्री बनने की उम्मीद लगाए कई साल से बैठे हैं।

बीजेपी पुराने समीकरण दुरुस्त करने में जुटी

अब भारतीय जनता पार्टी 2022 के चुनावी रण में उतरने से पहले अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी के तहत मोदी और शाह सक्रिय हुए हैं और सबसे पहले रुठे हुए सहयोगी दलों को मनाने का काम शुरू हो गया। इसी सिलसिले में अमित शाह ने गुरुवार को अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के साथ अलग-अलग मुलाकात की।

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