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बजट सत्र में योगी के दो मंत्रियों के बीच खिंची तलवार पर और धार चढ़ाएगी बसपा
बसपा विधानसभा के बजट सत्र में सरकार के दो मंत्रियों के बीच खींची तलवार पर और धार चढ़ाने की तैयारी में है।
लखनऊ: बसपा विधानसभा के बजट सत्र में सरकार के दो मंत्रियों के बीच खींची तलवार पर और धार चढ़ाने की तैयारी में है। यह नेता चुनाव के पहले बसपा छोड़कर बीजेपी में गए थे। रायबरेली के उंचाहार में ब्राहमण समाज के पांच युवकों की नृशंस हत्या के बाद से ही सरकार के इन दोनों मंत्रियों के बीच तलवार खिंची हुई है।
बसपा मुखिया मायावती ने विधायकों से बजट सत्र में कानून-व्यवस्था के मुद्दे के साथ इस हत्याकांड को भी सदन में उठाने को कहा है। जानकारों के मुताबिक पार्टी इस मामले को गरम बनाए रखना चाहती है ताकि बीजेपी की तरफ से ब्राहमण वोटरों का मोहभंग किया जा सके।
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गौरतलब है कि रायबरेली के उंचाहार में ब्राहमण समाज के पांच युवकों की बेरहमी से हत्या मामले में सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या और बृजेश पाठक आमने-सामने हैं। इनके बयान इस समय चर्चा मे हैं।
उधर मायावती ने सोमवार को जारी एक बयान में यह साफ भी किया है कि बसपा विधायक विधानसभा के बजट सत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरेंगे।
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पार्टी मुखिया मायावती ने कहा है कि यूपी में महिला उत्पीड़न, चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या, गुंडा टैक्स की वसूली, पुलिस पर लगातार हमले जारी हैं। नृशंस हत्याओं को बीजेपी के मंत्रीगण ही ’नरसंहार’ मान रहे हैं, इससे प्रदेश दहल सा गया है। इन जघन्य मामलों में भी योगी सरकार राजनीति करती हुई नजर आ रही है।
बीजेपी सरकार के जंगलराज की तरफ बढते कदम
मायावती ने इस हत्याकांड को प्रदेश में बीजेपी सरकार के जंगलराज की तरफ बढ़ते कदम की संज्ञा देते हुए कहा है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले मे योगी सरकार विफल साबित नजर आ रही है।
मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और स्थानीय पदाधिकारियों को पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करने का निर्देश दिया है।
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मायावती ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं। योगी सरकार का रवैया सहारनपुर घटना की तरह न्यायपूर्ण नहीं है। बाढ़ की समस्या गंभीर रुप धारण कर चुकी है। प्रदेश के भारी तादाद में परिवार प्रभावित हैं।
बीजेपी के मंत्री और उनके नेतागण केवल हवा-हवाई बातें और कोरी बयानबाजियां ही कर रहे हैं। पीड़ितों की अविलंब सुध लेकर उन्हें तत्काल सरकारी सहायता की सख्त जरूरत है।
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मायावती ने केंद्र और प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि ये लोग छोटी-छोटी परियोजनाओं का उद्घाटन करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।