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पुराने मुद्दों पर हर बार होते हैं नए वादे, लखनऊ मेयर पद के लिए घमासान

Newstrack
Published on: 10 Nov 2017 7:18 AM GMT
पुराने मुद्दों पर हर बार होते हैं नए वादे, लखनऊ मेयर पद के लिए घमासान
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लखनऊ: यूपी नगर निकाय की अधिसूचना के साथ ही लखनऊ मेयर पद के लिए घमासान तेज हो गया है। इसके चलते पार्टियों ने अपना अपना दांव लगाया है। लखनऊ की मेयर पद की लड़़ाई इस बार महिला मेयर सीट होने के चलते अधिक दिलचस्प हो गई है। हालांकि लखनऊ में जिन विकास के मुददों पर निकाय चुनाव होते हैं, वह कमोबेश वैसे ही बने हुए हैं। जिसके चलते अब मतदाताओं मे रोष है और ज्यादातर का मानना है कि छोटे मोटे काम छोडकऱ कोई भी युद्ध स्तर पर विकास कार्यों में रूचि नहीं लेता है।लिहाजा हर बार निकाय चुनावों में विकास के पुराने मुद्दे ही जनता के सामने रखकर नए वादे किए जाते हैं। इस बार हो रहे नगर निकाय चुनाव को लेकर अपना भारत के संवाद दाता सुधांशु सक्सेना ने महानगर के लोगों से बातचीत की। प्रस्तुत है लोगों की राय-

अजय ओली - इस बार लखनऊ में एक महिला मेयर होने जा रही है। मेरी उनसे यही अपेक्षा होगी कि एक ऐसी महिला इस कुर्सी को सुशोभित करे जो महिलाओं के दृष्टिकोण से शहर को अपने घर के रूप में देखे। जैसे एक महिला अपने घर को साफ सुथरा, गंदगी मुक्त, हर सुविधा की सटीक व्यवस्था से संजोती है।

विजय गुप्ता- विजय गुप्ता एक समाजसेवी हैं। इनकी राय में लखनऊ का मेयर एक ऐसा प्रत्याशी होना चाहिए जो खुद निकाय के आधारभूत नियमों को मानता हो। जैसे समय पर गृहकर जमा करना, स्वच्छता का नियमित रूप से ध्यान रखना आदि। इसके साथ ही लखनऊ के मेयर प्रत्याशी का विकास को लेकर एक विजन होना चाहिए।

अमर सोनकर- इनका मानना है कि मेयर को हर हाल में जनता के बीच जाकर काम करने का अनुभव होना चाहिए। कई बार चुनाव में ऐसे प्रत्याशी भी ताल ठोंकते हैं जो केवल चुनाव से कुछ समय पहले ही सक्रिय होते हैं। ऐसे लोग चुने जाने के बाद खुल कर कोई काम नहीं कर पाते हैं।

आराधना सिंह - मेयर को विकास कार्यों को तेजी से कराने का अनुभव हो। मेयर ऐसा हो जो नगर निकाय की आय को बढ़ाकर उसका जनहित में प्रयोग करे।इसके अलावा शहर में गंदगी, प्रकाश रहित मार्गों से निजात दिला सके।लखनऊ का ऐसा विकास करे कि हम स्मार्ट शहर की दौड़ में सबसे आगे हों।

साकेत शुक्ला - शहर में पार्किंग की बहुत समस्या है। किसी भी बाजार जाओ तो वहां वाहन खड़े करने की जगह नहीं होती है। इसके चलते लोग उल्टा सीधा वाहन खड़ा कर देते हैं। स्थानीय पार्षद इस पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। मेयर के पास शिकायत लेकर जाने पर हर समय उनकी उपलब्धता न होने के चलते काम अटका रहता है।

आशीष त्रिपाठी - नगर निकाय कई बार घाटे में रहते हैं, जिससे सीधे तौर पर निकाय जनता के कार्यों के लिए मिलने वाले धन से वंचित रह जाते हैं और नतीजतन जनहित के काम प्रभावित होते हैं। इसलिए मेयर ऐसा हो जो निकाय की आर्थिक सेहत को दुरूस्त रखने में माहिर हो और तेजी से विकास कार्य करवाए।

समीना बानो- लखनऊ का मेयर एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिस तक जनता की पहुंच सीधे तौर पर हो। कई बार मेयर से मिलने के लिए जनता को कई बार चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। इसके अलावा नगर निकाय दवारा संचालित स्कूलों पर भी मेयर को ध्यान देना चाहिए। ताकि विकास के साथ साथ हर वर्ग के बच्चों की शिक्षा दीक्षा बेहतर ढंग से होती रहे।

श्वेता भार्गव- हमें एक ऐसा मेयर चाहिए जो सिर्फ कोरे वादे न करे बल्कि उस पर अमल करने का भी साहस रखता हो। इस समय तो सभी विकास की बात करते हैं और बाद में जब समस्या लेकर उनके पास जाइए तो सिर्फ काम को टालने का काम करते हैं। ऐसे प्रत्याशियों से जनता को भी सावधान रहना चाहिए।

रंजीत सिंह - लखनऊ का मेयर जनता से सीधे तौर पर जुड़ा होना चाहिए। किसी भी समस्या की स्थिति में मौके पर पहुंचने वाला होना चाहिए। पार्कों से लेकर गलियों तक प्रकाश और कूड़ा निस्तारण की आधारभूत समस्या के साथ साथ अतिक्रमण की समस्या से निजात दिलाने वाला होना चाहिए।

डॉ आर पी मिश्र - मेयर ऐसा होना चाहिए जो जनता की समस्या की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे और उसके निस्तारण तक अधिकारियों को दिशा निर्देश देता रहे। इसके बाद एक फीडबैक सिस्टम को भी सक्रिय करे, जहां जनता विकास कार्य के बाद की वास्तिवक स्थिति के बारे में मेयर को अवगत करा सकें।

नगर निगम की आय को 22 करोड़ लाभ में ले जाना है लक्ष्य

लखनऊ नगर निगम ने 1791 करोड़ की आय दिखाई है। जबकि उसके दवारा वित्तीय वर्ष में 1769 करोड़ के व्यय पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका अर्थ है कि अब लखनऊ नगर निगम करीब 22 करोड़ के आर्थिक लाभ की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। नगर निगम के मुख्य वित्त अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है कि यह 22 करोड़ का लाभ हम 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक अनुमानित कर रहे हैं। हमारे सामने सबसे बड़ा टारगेट गृहकर को पूरी तरह से वसूलना है। वित्तीय वर्ष 2017 में गृहकर वसूलने का लक्ष्य 200 करोड़ था जिसे वित्तीय वर्ष 2018 के लिए 300 करोड़ कर दिया गया है।

इसके अलावा दूसरा बड़ा टारगेट कूड़ा प्रबंधन के लिए लोगों से यूजर चार्ज लेने का है। यह अभी तक 20 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर 25 करोड़ कर रहे हैं। अभी तक सिर्फ 30 प्रतिशत घरों से ही इसे वसूल पा रहे हैं। जिसे बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही यूपी नगर निगम एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत किए गए अपराधों जैसे कूड़ा डंप करना, अवैध पार्किंग, कूड़ा जलाना आदि के तहत आने वाले फाइन के टारगेट को 1 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया जा रहा है। एडवरटाइजिंग टैक्स को भी 25 प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है। इस तरह लखनऊ नगर निगम की आय को बढ़ाया जा रहा है।

110 वार्डों में 2323365 मतदाता

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि नगर निगम लखनऊ के 110 वार्डो के 542 मतदान केन्द्रो पर बनाये गये 1704 मतदान स्थलों मे 1238249 पुरूष मतदाता, 1085116 महिला मतदाता कुल 2323365 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसी प्रकार जनपद लखनऊ की कुल 08 नगर पंचायतों के 96 वार्डो में 59 मतदान केन्द्रो पर बनाये गये हैं। जिसमें 132 मतदान स्थलों में 60811 पुरूष मतदाता, 55148 महिला मतदाता यानि कुल 115959 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।लखनऊ नगर निगम के जोन-1 के अन्तर्गत 14 वार्डो में 67 मतदान पर बनाये गये 250 मतदान स्थलों में 144907 पुरूष मतदाता, 127708 महिला मतदाता कुल 272615 मतदाता मतदान करेंगे। जोन-2 के अन्तर्गत 12 वार्डो में 70 मतदान पर बनाये गये 222 मतदान स्थलों में 128584 पुरूष मतदाता, 112923 महिला मतदाता कुल 241507 मतदाता मतदान करेंगे। जोन-3 के अन्तर्गत 19 वार्डो में 88 मतदान पर बनाये गये 355 मतदान स्थलों में 208572 पुरूष मतदाता, 182182 महिला मतदाता कुल 390754 मतदाता मतदान करेंगे। जोन-4 के अन्तर्गत 08 वार्डो में 40 मतदान पर बनाये गये 153 मतदान स्थलों में 92360 पुरूष मतदाता, 81234 महिला मतदाता कुल 172594 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।जोन-5 के अन्तर्गत 10 वार्डो में 50 मतदान केंद्रों पर बनाये गये 212 मतदान स्थलों में 123178 पुरूष मतदाता, 109130 महिला मतदाता और कुल 232308 मतदाता मतदान करेंगे। जोन-6 के अन्तर्गत 22 वार्डो में 122 मतदान केंद्रों पर बनाये गये मतदान स्थलों में 235346 पुरूष मतदाता, 207526 महिला मतदाता कुल 442872 मतदाता मतदान करेंगे। जोन-7 के अन्तर्गत 13 वार्डो में 56 मतदान केंद्रों पर बनाये गये 271 मतदान स्थलों में 164686 पुरूष मतदाता, 146576 महिला मतदाता कुल 311262 मतदाता मतदान करेंगे तथा जोन-8 के अन्तर्गत 12 वार्डो में 49 मतदान पर बनाये गये 219 मतदान स्थलों में 140616 पुरूष मतदाता, 117837 महिला मतदाता कुल 258453 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

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