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UP Politics News: लखीमपुर कांड ने ब्राह्मण राजनीति को गरमाया, इस बार भाजपा ने विपक्ष को घेरा
Brahmin Politics :बीजेपी के कार्यकर्ता शुभम मिश्र की मौत के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लखीमपुर में शनिवार को प्रदर्शन भी हुआ है।
UP Politics News: लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Scandal) ने प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति को एक बार फिर गरमाना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के कार्यकर्ता शुभम मिश्र (Shubham Mishra) की मौत के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर लखीमपुर में शनिवार को प्रदर्शन भी हुआ है। भाजपा मीडिया सेल की ओर से विपक्ष के भगवान परशुराम प्रेम पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष के ब्राह्मण प्रेम को ढोंग बताते हुए भाजपा ने उस राजनीति पर भी सवाल उठाए हैं जिसकी वजह से ब्राह्मण समाज से आने वाले मंत्री और उसके बेटे को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
लखीमपुर खीरी में मोटर गाड़ी चढ़ाकर किसानों की हत्या करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की लताड़, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे को गिरफ्तारी के साथ ही अब पूरे मामले में अलग तरह की राजनीति शुरू होती दिख रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस मामले में भाजपा पर किसान विरोधी होने का गंभीर आरोप लगाया। दोनों ही राजनीतिक दलों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया। भाजपा नेतृत्व को भी कठघरे में खड़ा किया गया कि मामले में आठ लोगों की मौत के बावजूद मंत्री के बेटे व मुख्य आरोपित आशीष मिश्र मोनू पर कार्रवाई नहीं हो रही। इस पूरे मामले में जिस तरह से कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ने आंदोलन खड़ा किया उसकी मंशा को लेकर अब भाजपा खेमे से सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा के मीडिया सेल ने पूरा मोर्चा संभाला है। सपा व कांग्रेस के राजनीतिक आंदोलन को ब्राह्मण विरोधी मानसिकता बताया जा रहा है।
सपा-कांग्रेस के आंदोलन को बताया ब्राह्मण विरोधी नफरती मानसिकता (Samajwadi Party Congress Andolan)
भारतीय जनता पार्टी के नेता व मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने शनिवार को ट्वीट कर इस मामले में अहम सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आशीष मिश्र मोनू गुनहगार है या नहीं, यह फैसला अदालत करेगी, पर खुद को जनेउधारी और परशुराम भक्त कहने वाली कांग्रेस, सपा, बसपा के अलावा वामपंथी पक्षकारों ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में चुन —चुन कर एक पूरे समाज को जिस तरह से निशना बनाया है, वह कतई अस्वीकार्य है। इसे जरूर याद रखा जाएगा। शनिवार को यह मुद्दा उठाने के बाद रविवार की सुबह भी शलभमणि त्रिपाठी ने इसी मामले से संबंधित एक और ट्वीट किया जिसमें अपनी बात को खुलकर विस्तार दिया है। आशीष मिश्र मोनू मामले में अदालत के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बहाने से एक पूरे समाज के खिलाफ कांग्रेस, बसपा, सपा व वामपंथी पक्षकारों की स्वाभाविक नफरत उबल कर पूरी तरह सामने आ गई। हमले का कोई मौका न छोड़ा, इस एक घटना ने परशुराम भक्ति का रंग पोते घूम रहे रंगा सियारों का रंग उतार दिया, सब याद रखा जाएगा।
शुभम मिश्र हत्या मामले में कैंडल जुलूस (Shubham Mishra Hatyakand)
लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की घटना के बाद जब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की गाड़ी में आग लगाई गई, गाड़ी में सवार लोगों को पीटा गया तो उसमें भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्र की भी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई अब तक केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र और उसके साथियों पर ही हुई है। इससे शुभम मिश्र के परिवारीजन बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि जिन किसानों ने शुभम मिश्र और गाड़ी के चालक हरिओम की पीट—पीटकर हत्या की है, उनके खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। परिवारीजनों की इस मांग पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का बयान आया है जिसने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों पर हमले के बाद जिन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई है वह हत्या नहीं है बल्कि किसानों की हत्या के बाद की प्रतिक्रिया है। टिकैत के इस बयान से नाराज और पुलिस कार्रवाई नहीं होने से आक्रोशित शुभम मिश्र के परिवारीजनों और समर्थकों ने शनिवार की शाम लखीमपुर खीरी में कैंडल मार्च निकालकर प्रदर्शन किया है। शुभम के पिता ने कहा है कि हत्या करने वाले किसानों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें भी इंसाफ मिलना चाहिए। दूसरी ओर शनिवार को आशीष मिश्र मोनू की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक आक्रोशित दिखाई दिए और हंगामा शुरू कर दिया । इसके बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी ने अपने कार्यालय से बाहर निकलकर उन्हें समझाया और कहाकि देश में कानून का राज है। अदालत से इंसाफ होगा। इसके बावजूद अगर कोई ऐसी—वैसी बात होती है तो वह कार्यकर्ताओं का साथ देने के लिए मौजूद हैं।