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सपा के झगड़े पर सबकी नजर: आजम खान से जेल में मिलने जाएंगे शिवपाल सिंह यादव
Shivpal Yadav Meet Azam Khan: सपा के सीनियर नेता आजम खान से मिलने जल्द सीतापुर जेल जाएंगे।
Shivpal Yadav Meet Azam Khan: उत्तर प्रदेश के यादव परिवार से शुरू सियासी संघर्ष अब और तीखा एवं व्यापक हो गया है। इसके तहत प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के सर्वेसर्वा शिवपाल सिंह यादव अब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव से खफा पार्टी नेताओं को अपने साथ जोड़ने में जुट गये हैं। इस क्रम में शिवपाल सिंह यादव अपने साथी और सपा के सीनियर नेता आजम खां से मिलने जल्दी ही सीतापुर जेल जाएंगे।
इन दोनों नेताओं की होने वाली मुलाक़ात को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। ऐसे में अब सपा का झगड़ा सिर्फ उसका अंदरूनी मामला नहीं रह गया है। देश की सभी पार्टियों की नजर सपा के इस झगड़े पर है, क्योंकि सपा में टूट होने पर उसके आधार पर बाकी पार्टियों की रणनीति बनेगी।
'सपा के झगड़े से कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है'
फिलहाल कांग्रेस और दूसरी सेकुलर पार्टियों की नजर आजम खां और शिवपाल सिंह यादव की होने वाली मुलाक़ात पर जमी है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि सपा के झगड़े से कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है। अगर अखिलेश यादव से खफा शिवपाल, शफीकुर्रहमान बर्क और आजम खां सपा से नाता तोड़ते हैं तो सपा का मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण बिगड़ सकता है। जिसके चलते सपा कमजोर होगी और अखिलेश यादव को उस कांग्रेस का साथ चाहिए होगा, जिसे बीते विधानसभा चुनावों में उन्होंने तालमेल करने के योग्य नहीं समझा था।
शिवपाल सिंह यादव आजम खान से मिल सकते हैं
फिलहाल, शिवपाल सिंह यादव का खेमा आजम खां से होने वाली मुलाकात को लेकर चुप्पी साधे हुए है, वही आजम खां से जुड़े नेताओं का कहना है कि जल्दी ही शिवपाल सिंह यादव से आजम खां की मुलाकात होगी। अगर छुट्टियां नहीं होती तो यह मुलाक़ात हो गई होती। वास्तव में आजम खां और संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क सपा मुखिया अखिलेश यादव के व्यवहार से खासे खफा हैं।
आजम खां की नाराजगी को लेकर आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने एक कार्यक्रम में यह कहा है कि पिछले ढाई साल में अखिलेश यादव ने आजम खान को जेल से छुड़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया। संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी यह कहा था कि सपा मुस्लिमों की आवाज नहीं उठा रही है। पार्टी के इन नेताओं के बयान आने के बाद जब अखिलेश यादव की तरफ के कोई बयान नहीं आया।
ऐसे में अब सपा मुखिया से खफा नेताओं को अपने साथ जोड़ने की पहल शिवपाल सिंह यादव ने खुलकर कर दी है। जिसके तहत ही शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदाधिकारियों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से भंग कर समान नागरिक संहिता के पक्ष में बयान जारी कर राजनीतिक दांव चला। इसके साथ ही शिवपाल सिंह के खेमे ने यह संकेत दिया है कि वह आजम खां से मिलकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। यूपी की राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगर शिवपाल सिंह और आजम खां ने मिलकर अखिलेश यादव से खफा नेताओं को एकजुट करना शुरू किया तो सपा के यादव और मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाना तय है।
इसके बाद भी अखिलेश यादव ने शफीकुर्रहमान बर्क और आजम खां को मनाने का प्रयास नहीं किया। जबकि आजम खां यूपी में सपा के मुस्लिम फेस के रूप में स्थापित हैं। वही दूसरी तरफ अब शिवपाल सिंह यादव ने अब आजम खां को साथ लेते हुए अखिलेश से नाराज सपा नेताओं को अपने साथ जोड़ने में जुटे हैं। शिवपाल की इस मुहिम पर विपक्षी दलों के नेताओं की निगाह जमी है। यह दल सपा में मचे घमासान पर निगाह रखते हुए यह तय कर रहे कि किसके साथ जुड़ने में उनका लाभ होगा।