×

महाधिवक्ता ने शुरू की समीक्षा, हट सकते है कई सरकारी वकील

Rishi
Published on: 3 Sep 2017 10:34 AM GMT
महाधिवक्ता ने शुरू की समीक्षा, हट सकते है कई सरकारी वकील
X

इलाहाबाद: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का सरकारी वकीलों की गलत नियुक्ति को लेकर पारित आदेश का असर इलाहाबाद हाईकोर्ट मे दिखने लगा है। प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने यहाँ शनिवार देर शाम तक 7 जुलाई 17 को नियुक्त हुए सभी सिविल के सरकारी वकीलो से स्वयं बात कर उनकी योग्यता को परखा।

ये भी देखें:BRD ट्रैजडी : एक बैरक में आरोपी पूर्व प्राचार्य और डॉ. कफील, नहीं मिला पाए नजर

एजी की सरकारी वकीलों से वार्ता का क्रम देर शाम तक चला और उसमें उन्होंने एक-एक वकील से बात की। यद्यपि इसमे कुछ वकील नदारद भी रहे। ऐसी ही प्रक्रिया लखनऊ में भी अपनाई गई। ऐसा माना जा रहा है, कि हाईकोर्ट के आदेश पर योग्य व अनुभवी सरकारी वकीलों को रखने की सरकारी कवायद की जा रही है।

इलाहाबाद प्रधानपीठ व लखनऊ बेंच मे पार्टी व संगठन के योग्य वकीलों को दरकिनार कर अयोग्य व कम अनुभवी सरकारी वकीलों की नियुक्ति से योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई। यहाँ तक की हाईकोर्ट को भी इस मामले में दखल देना पड़ा। हाईकोर्ट के कड़े रूख को देखते हुए महाधिवक्ता ने खुद कोर्ट में कहा कि वह सभी नियुक्तियों पर पुनर्विचार करेंगे, जो भी खामियां है दुरुस्त की जाएंगी और इसके लिए कोर्ट से समय की माँग की।

ये भी देखें:निर्मला सीतारमण ही नहीं, इन देशों में भी रक्षा की कमान है महिला हाथों में

कोर्ट उन्हे पुनर्विचार के लिए दो बार समय दे चुकी है, परन्तु सरकार इस प्रकरण पर शिथिल है। अंतत: कोर्ट ने सरकार को सरकारी वकीलों की लिस्ट फाइनल कर कोर्ट को बताने का अंतिम मौका देते हुए 5 सितंबर की डेट सुनवाई को लगाई है।

कोर्ट के कड़े तेवर के चलते सरकार अब हरकत मे आई है, और नियुक्त हो चुके सरकारी वकीलों से एजी खुद वार्ता कर उनकी योग्यता को परख रहे हैं। इसके पहले एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट मे कहा था, कि उन्हें नही पता कि कैसे ऐसी नियुक्तियां हो गई।

ये भी देखें:शेखावत और हेगड़े को मंत्री बना, मोदी ने धूम धड़ाके का किया तगड़ा इंतजाम, कैसे?

बता दें, सरकारी वकीलों की नियुक्ति को लेकर पहली बार किसी सरकार की कोर्ट द्वारा छीछालेदर हो रही है।

चीफ जस्टिस डीबी भोसले ने तो महाधिवक्ता को कोर्ट में बुलाकर कहा, मेरे कोर्ट मे सरकारी वकील बोल नही पा रहे हैं। केस को समझ नही पाते। ऐसे मे कोर्ट काम कैसे करे? उन्होंने कहा कि जब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस कोर्ट का यह हाल है तो और कोर्ट का हाल कैसा होगा। इस पर महाधिवक्ता ने चीफ जस्टिस से कहा कि वह एक अपर महाधिवक्ता की तैनाती चीफ कोर्ट मे रेगुलर करेंगे।

यही नहीं, हाल यह है कि सरकारी वकीलों से सही सहयोग न मिल सकने से कोर्ट नाराज है। प्रभावी पक्ष रखने में सक्षम न हो पाने पर मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद ने यहाँ के 6 अपर महाधिवक्ताओ को अपने चेम्बर में बुलाया और अपनी कोर्ट में योग्य वकीलों को तैनात करने की हिदायत दी।

ये भी देखें:मोदी कैबिनेट : कांग्रेस ने नए और प्रमोट मंत्रियों को बताया अयोग्य

बहरहाल, कोर्ट के हस्तक्षेप से सरकार महाधिवक्ता के मार्फत हरकत में आई है, और योग्य सरकारी वकीलों के अलावा अयोग्य पर बड़ी संख्या मे गाज गिर सकती है।

सूत्रों की माने तो सरकार अबकी विचारधारा से जुड़े व योग्य वकीलों को ही सरकारी वकील बनाने पर विचार कर रही है।

ये भी देखें:मोदी मंत्रिमंडल में JDU-शिवसेना नदारद, कहा- ये तो BJP का कैबिनेट विस्तार

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story