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Deputy CM Keshav Maurya: केशव ने भी मोदी की तरह चाय बेचने से शुरू किया सफर, आज हार के बाद भी ताकतवर
Keshav Prasad Maurya Untold Story: केशव मौर्य ने राजनीती में आने से पहले चाय दुकान चलाई और समाचार पत्र भी बेचे। राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) से राजनीति में सक्रिय हुए।
Deputy CM Keshav Prasad Maurya Untold Story: यूपी में योगी आदित्यानाथ (CM Yogi Adityanath) के बाद केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) फिर एक बार सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरे हैं। तमाम अटकलों के बीच उन्हें फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में सिराथू से हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को उप मुख्यमंत्री (Keshav Prasad Maurya Became Deputy CM) बनाये रखना उनकी लोकप्रियता और ओबीसी वर्गों में उनकी पकड़ को दिखाता है।
भारतीय जनता पार्टी को राज्य में सत्ता बरकरार रखने में ओबीसी का महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है। दूसरी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले केशव मौर्य विधानसभा चुनाव में सिराथू से करीब सात हजार वोटों से हार गए थे। उनको हराने वाला कोई और नहीं, अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल थी। मौर्य की हार के बाद मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलने या नहीं मिलने के बारे में कयास लगाये जा रहे थे।
केशव मौर्य ने चाय दुकान चलाई और समाचार पत्र भी बेचे
केशव मौर्य ने राजनीती (Life of Keshav Maurya) में आने से पहले चाय दुकान चलाई और समाचार पत्र भी बेचे। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) में विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंहल के मार्गदर्शन में राजनीति में सक्रिय हुए और अपनी एक अलग पहचान बनाई। विहिप और बजरंग दल में 18 वर्षों तक प्रचारक भी रहें।
2012 में सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते
मौर्य 2002 और 2007 में इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से चुनाव में मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा। भाजपा ने 2012 में मौर्य को सिराथू विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गये।
केशव मौर्या राम जन्मभूमि और गोरक्षा आदि आंदोलनों के दौरान मौर्य जेल भी गये थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मौर्य को पार्टी ने फूलपुर से उम्मीदवार बनाया और वह रिकार्ड मतों से चुनाव जीत गये। इसके बाद, उन्हें 2016 में उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया।
दूसरी बार बने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक नया कीर्तिमान बनाया। उप्र की 403 विधानसभा सीटों में पार्टी ने 312 और सहयोगी दलों ने 13 सीटें जीत ली। मौर्य को पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।
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