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Cabinet Minister AK Sharma: गुजरात से योगी कैबिनेट तक रहा एके शर्मा का सफर, अब UP की कमान हाथ में
UP Cabinet Minister AK Sharma: योगी कैबिनेट में गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को शामिल किया है। एके शर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी कहा जाता है।
UP Cabinet Minister AK Sharma: योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) में अरविन्द शर्मा (Arvind Sharma) भी शामिल हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा (Former IAS officer AK Sharma) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) का करीबी कहा जाता है। बीते साल उन्हें जब विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था, तब से ही पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी नजदीकी की चर्चाएं रही हैं।
गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं एके शर्मा
एके शर्मा (Former IAS officer AK Sharma) गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं और यूपी के मऊ जिले के रहने वाले हैं। वह गुजरात सरकार में अफसर थे, जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री हुआ करते थे। एके शर्मा (Former IAS officer AK Sharma), मोदी के पसंदीदा अधिकारियों में से एक थे और यही वजह थी कि मोदी जब दिल्ली आए तो उन्हें भी पीएमओ में नियुक्ति दी गई। पिछले साल अरविन्द शर्मा ने वीआरएस ले किये और भाजपा की सदस्यता ले ली और उनको उत्तर प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया। उन्हें विधान परिषद भी भेजा गया। तब से चर्चा थी कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। बताया जाता था कि शर्मा को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और केंद्रीय नेतृत्व के बीच मतभेद की स्थिति है।
वाराणसी में कोरोना कंट्रोल का एके शर्मा ने निभाई थी भूमिका
कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश में जब मामले तेजी से बढ़े तो एके शर्मा (Former IAS officer AK Sharma) ने वाराणसी की जिम्मेदारी संभाली थी। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में कामकाज संभालने से एक बार फिर एक संदेश गया। वाराणसी (Varanasi) में कोरोना कंट्रोल का श्रेय उन्हें दिया जाता रहा। जिले में अपने काम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी।
खास हैं असीम अरुण
पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले असीम अरुण (Aseem Arun) को योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री बनाया गया है। असीम अरुण दलित हैं और जाटव समाज से आते हैं। जाटव समाज जो कि मायावती को कोर वोट बैंक माना जाता है।समाजवादी पार्टी के गढ़ कन्नौज में उन्होंने कमल खिलाया था, सपा के अनिल दोहरे को 6 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। पहली बार चुनाव जीते और उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बना लिया।
1994 बैच के हैं असीम अरुण
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) की तारीखों का जैसे ही ऐलान हुआ था, उन्होंने सोशल मीडिया पर ये ऐलान कर दिया था कि वो पुलिस की नौकरी छोड़कर, वीआरएस लेकर राजनीति में उतर रहे हैं। 1994 बैच के असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं। असीम अरुण के पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी भी रह चुके हैं। असीम अरुण की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज में हुई थी। इसके बाद बीएससी की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। असीम अरुण एटीएस के आईजी रहे।
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