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शिवपाल के बाद अब आजम खान का नंबर, समर्थकों के तीखे तेवर से अखिलेश को झटका देने के कयास

Azam Khan News: आजम खान के खेमे की नाराजगी खुलकर सामने आने के बाद इस दिग्गज नेता के अगले सियासी कदम को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 11 April 2022 9:19 AM IST
Azam Khan
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आजम खान (photo: social media ) 

Azam Khan News: प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के भीतर सबकुछ दुरुस्त नहीं चल रहा है। शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के बाद समाजवादी पार्टी के एक और दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। आजम खान के समर्थक सपा के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से जबर्दस्त नाराज हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जता भी दी है। वे आजम खान के प्रति अखिलेश के उपेक्षापूर्ण रवैए से नाराज हैं।

आजम खान के खेमे की नाराजगी खुलकर सामने आने के बाद इस दिग्गज नेता के अगले सियासी कदम को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं। अखिलेश यादव के प्रति इस खेमे की नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि कहा जा रहा है कि आजम खान पार्टी छोड़ने का बड़ा फैसला तक ले सकते हैं। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव पहले ही अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं और उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अब आजम खान के अगले सियासी कदम का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

आजम पर योगी का बयान याद दिलाया

आजम खान को मजबूत पकड़ वाला सियासी नेता माना जाता है और उन्होंने जेल से ही विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की थी। आजम खान के सीतापुर जेल में बंद होने के कारण उनके समर्थकों ने ही प्रचार की पूरी कमान संभाल रखी थी और आजम खान ने रामपुर सीट से आसानी से जीत हासिल की। आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान ने रामपुर की स्वार सीट से चुनाव जीता है। आजम खान करीब दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं और अब उनके समर्थकों का मानना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ही नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं।

आजम खान के करीबी और उनके मीडिया सलाहकार फसाहत खान उर्फ शानू ने रविवार को रामपुर में हुई पार्टी की बैठक में खुलकर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही कहा करते हैं कि अखिलेश यादव खुद नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं। उन्होंने कहा कि आजम खान के बुरे वक्त में सपा मुखिया ने साथ नहीं निभाया। योगी ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी कई सभाओं में कहा था कि अखिलेश खुद आजम खान की रिहाई नहीं चाहते।

समर्थकों का दर्द खुलकर आया सामने

सपा समर्थक पहले दबी जुबान से सपा मुखिया पर आजम खान की पैरवी न करने का आरोप लगाते रहे हैं मगर अब उनका दर्द खुलकर सामने आ गया है। शानू ने सपा मुखिया पर आजम खान के तमाम एहसान गिनाते हुए कहा कि उनके पिता और खुद अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने में आजम खान ने हर कदम पर साथ दिया। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने आजम खान को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया। उन्होंने सपा पार्टी में मुसलमानों को अहमियत न देने की बात भी कही।

उन्होंने सपा मुखिया पर मुसलमानों का पक्ष न लेने का आरोप भी लगाया। उन्होंने याद दिलाया कि लंबे समय से आजम खान के जेल में होने के बावजूद अखिलेश अभी तक सिर्फ एक बार उनसे मुलाकात करने के लिए पहुंचे हैं। आजम खान के कहने पर रामपुर और आसपास के जिलों में मुस्लिमों में सपा को जमकर वोट दिया मगर अब सपा मुखिया को हमारे कपड़ों से बदबू आ रही है।

बैठक में मौजूद थे जिम्मेदार पदाधिकारी

मजे की बात यह है कि शानू ने जिस बैठक में सपा मुखिया के संबंध में यह टिप्पणियों कीं, उसमें पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी मौजूद थे। सपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार गोयल ने इस बैठक की अध्यक्षता की जबकि बैठक में नगर अध्यक्ष आसिम राजा, एमएलसी प्रत्याशी मशकूर अहमद मुन्ना, महिला सभा जिलाध्यक्ष समेत पार्टी के कई चर्चित चेहरे मौजूद थे। हालांकि बाद में सपा जिलाध्यक्ष ने गोयल ने सफाई दी कि किसी भी कार्यकर्ता ने सपा मुखिया के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला है बल्कि अपना दर्द जाहिर किया है। घर में कोई शिकायत होने पर उस पर चर्चा तो की ही जाती है।

मजबूत सियासी पकड़ वाले नेता हैं आजम खान

आजम खान को समाजवादी पार्टी में दिग्गज नेता माना जाता रहा है और वे लंबे समय से चुनाव जीतकर अपनी ताकत दिखाते रहे हैं। उन्होंने 1980 में रामपुर सीट से पहला चुनाव जीता था। उनकी पत्नी भी विधायक और राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम खान ने इस बार भी रामपुर की स्वार सीट पर अपनी ताकत दिखाई है।

2019 में आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने के बाद रामपुर सीट से इस्तीफा दे दिया था। तब उनकी पत्नी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। अब रामपुर विधानसभा सीट एक बार फिर जीतने के बाद आजम खान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 2009 में सपा ने उन्हें निष्कासित भी किया था मगर अगले साल ही उनका निष्कासन वापस ले लिया गया था।

शिवपाल के बाद अब आजम खेमा नाराज

आजम खान के खेमे की नाराजगी खुलकर ऐसे समय में सामने आई है जब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव की पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के साथ तनातनी चल रही है। पार्टी विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से शिवपाल अखिलेश यादव से खासे नाराज हैं और उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

ऐसे समय में आजम खान खेमे की नाराजगी ने नई सियासी अटकलों को हवा दे दी है। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव के बाद आजम खान भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को बड़ा झटका दे सकते हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि आजम खान की सहमति के बिना इतनी बातें खुलकर नहीं कही जा सकती हैं। इसीलिए अब आजम खान के अगले सियासी कदम का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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