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अनशन: हार्दिक पटेल ने जारी की वसीयत, संपत्ति बंटवारे की जताई इच्छा
अहमदाबाद: गुजरात में पाटीदार समाज के नेता हार्दिक पटेल ने अपने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के नौवें दिन अपनी वसीयत जारी की। रविवार को जारी की गई वसीयत में हार्दिक ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी संपत्ति का बंटवारा माता-पिता (भरत पटेल और ऊषा पटेल) और एक गोशाला के बीच हो। पाटीदार समुदाय को आरक्षण, किसानों की कर्जमाफी और अपने सहयोगी अल्पेश कठीरिया की रिहाई की मांग को लेकर हार्दिक भूख हड़ताल पर चल रहे हैं।
आंखें दान करने की जताई इच्छा
हार्दिक ने अपनी वसीयत में कहा, 'इस निर्दयी बीजेपी सरकार के खिलाफ 25 अगस्त से मैं अनशन कर रहा हूं। मेरा शरीर कमजोर हो चुका है और मैं दर्द, बीमारी और संक्रमण का शिकार हो गया हूं। लगातार बिगड़ रहे इस शरीर पर मैं भरोसा नहीं कर सकता। मेरे शरीर से मेरी आत्मा कभी भी बाहर निकल सकती है। इसलिए मैंने अपनी अंतिम इच्छा की घोषणा करने का फैसला लिया।' हार्दिक ने इस वसीयत में मौत होने की सूरत में अपनी आंखें दान करने की इच्छा भी जाहिर की है।
हार्दिक की वसीयत में क्या है?
पाटीदार समाज के एक अन्य नेता मनोज पनारा ने हार्दिक की वसीयत का ऐलान किया। पनारा ने कहा कि अगर हार्दिक को कुछ होता है, तो उनके बैंक अकाउंट में जमा कुल 50 हजार रुपयों में से 20 हजार माता-पिता को जबकि बाकी 30 हजार रुपये अहमदाबाद के विरमगाम तालुका के उनके पुश्तैनी गांव चंदननगर के पास स्थित एक गोशाला को दिया जाएगा।
हार्दिक चाहते हैं कि उनकी किताब हू टुक माई जॉब की 30 फीसदी रॉयल्टी उनके माता-पिता और बहन में बराबर-बराबर बांट दी जाए। इसके अलावा बाकी 70 फीसदी रॉयल्टी 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवाओं के परिजनों में बांट दी जाए। यह किताब अभी प्रकाशित नहीं हुई है। हार्दिक ने कहा है कि उन्होंने 2014 में एक इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी, इसके अलावा वह एक कार के भी मालिक हैं। इस वसीयत में उनकी कीमत का जिक्र नहीं किया गया है।
हार्दिक समर्थकों पर लाठीचार्ज
इस बीच एसपी रिंग रोड के पास वैष्णो देवी सर्कल पर स्थित हार्दिक के घर के बाहर पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के इकट्ठा समर्थकों पर रविवार शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हार्दिक से मिलने के लिए पहुंचे करीब 150 लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। पुलिस ने इस दौरान बारी-बारी से सभी के परिचय पत्र चेक किए और उनके फोन नंबर भी दर्ज किए गए। जब कुछ समर्थकों ने इस पर विरोध जताया तो हंगामा मच गया। इसके बाद समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
ब्लड सैंपल देने से किया इनकार
इस घटना के बाद हार्दिक ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अगर उनके समर्थकों की पिटाई होती है या उनको हिरासत में लिया जाता है, तो वह डॉक्टरों को मेडिकल चेक-अप के लिए अपना ब्लड और यूरिन सैंपल लेने की इजाजत नहीं देंगे। सोला सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम जब हार्दिक का सैंपल इकट्ठा करने के लिए पहुंची, तो समर्थकों ने उन्हें वापस कर दिया।
मांझी ने की हार्दिक से बात
बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने रविवार को हार्दिक से फोन पर बात की और पाटीदार समाज को आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत का जिक्र करते हुए अपना समर्थन दिया। गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक परेश धनानी ने भी हार्दिक से मुलाकात की।
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